मनरेगा से संवर रही महिलाओं की जिदगी
आत्मनिर्भर हो रही गांवों में महिलाएं जिले में बढ़ी महिला मजदूरों की संख्या
जागरण संवाददाता, देवरिया: जिले में मनरेगा योजना मजदूरों के लिए वरदान साबित हुई है। मनरेगा के तहत सबसे ज्यादा फायदा अगर किसी को हुआ है तो महिलाओं को हुआ है। महिला मजदूर मनरेगा से जुड़कर कार्य कर रही हैं और अपनी आर्थिक समस्या को दूरकर आत्मनिर्भर बन रही हैं। जिले में 23746 महिला मजदूर इस समय मनरेगा से जुड़कर कार्य कर रही हैं और खुशहाल हैं। ग्रामीण क्षेत्र में आज भी महिलाओं की दशा को सुधारने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। जिसमें मनरेगा का महत्वपूर्ण रोल है। गांवों में शराबी पति की पीड़ा झेलती महिला और भूखे सो रहे उसके बच्चे की पीड़ा को महिलाओं ने मनरेगा में कार्य कर उसे दूर किया है। मनरेगा में कार्य करने के बाद उससे मिले रुपये से अपने परिवार व बच्चों की किस्मत संवारने का कार्य कर रही हैं। -
1185 ग्राम पंचायतों में कार्य रहीं 23746 महिला मजदूर जिले में 1185 ग्राम पंचायतों में 23746 महिला मजदूर कार्य कर रही हैं। यह किसी भी जिले के लिए बड़ी उपलब्धि है। इसे स्वयं विभाग भी सुखद मान रहा है। कई ऐसी महिलाएं हैं जो मेहनत मजदूरी कर परिवार का पेट पालती हैं, कहीं काम नहीं मिलने पर मनरेगा में काम कर रही हैं। मनरेगा में कार्य कर अपनी आर्थिक समस्या को दूर कर रही हैं। ---------------------------- जिले में पंजीकृत हैं 370577 मनरेगा मजदूर
जिले में कुल 370577 मनरेगा मजदूर पंजीकृत हैं। जिसमें 170789 मजदूर सक्रिय हैं। कुल 124656 महिला मजदूर पंजीकृत हैं। जिसमें वर्तमान समय में 23746 महिला मजदूर कार्य कर रही हैं। मनरेगा से उनकी स्थिति सुधर रही है। ------------------------- मनरेगा के तहत महिलाएं कार्य कर रही हैं। जो भी महिला मनरेगा में कार्य करना चाहती है उनके परिवार का जाब कार्ड बनाकर रोजगार दिया जाता है। मनरेगा महिलाओं की आर्थिक मदद कर रहा है। गजेन्द्र कुमार तिवारी,
उपायुक्त श्रम रोजगार