उच्च शिक्षा में जाने के लिए छात्रों को करनी होगी कड़ी मेहनत

सरकार की तरफ से तीस फीसद पाठ्यक्रमों को कम करना चिता का विषय है। उच शिक्षा में जाने के लिए छात्रों को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। सदर विधायक डा.सत्य प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि देश का भविष्य छात्रों पर निर्भर होता है। उसे सजाने संवारने का दायित्व शिक्षक और अभिभावक का होता है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 11:43 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 11:43 PM (IST)
उच्च शिक्षा में जाने के लिए छात्रों को करनी होगी कड़ी मेहनत
उच्च शिक्षा में जाने के लिए छात्रों को करनी होगी कड़ी मेहनत

देवरिया : क्षेत्र के श्री बब्बन सिंह शिक्षण संस्थान रतसिया कोठी के सभागार में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। शिक्षक विधायक ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने कहा कि कोरोना काल में शैक्षणिक माहौल की गति धीमी हो गई। छात्रों को अब कड़ी मेहनत की जरूरत है।

सरकार की तरफ से तीस फीसद पाठ्यक्रमों को कम करना चिता का विषय है। उच्च शिक्षा में जाने के लिए छात्रों को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। सदर विधायक डा.सत्य प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि देश का भविष्य छात्रों पर निर्भर होता है। उसे सजाने संवारने का दायित्व शिक्षक और अभिभावक का होता है। माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड के सदस्य डा. दिनेश मणि त्रिपाठी ने छात्रों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। प्रो. वीरेंद्र यादव ने कहा कि कड़ी मेहनत से लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। लोक सेवा आयोग के सदस्य डा. हरेश प्रताप सिंह ने कहा कि कहा कि आज छात्र इतिहास को भूलते जा रहे हैं। इस मौके पर कुल मुख्य डा. तेज प्रताप सिंह, प्रबंधक डा.भानु प्रताप सिंह,निदेशक चंद्र प्रताप सिंह ने अतिथियों को सम्मानित किया। संचालन उदय प्रताप सिंह ने किया। इस दौरान भाजपा के क्षेत्रीय मंत्री हरिचरण कुशवाहा, डा. बीरेंद्र कुमार त्रिपाठी, रामनरेश सिंह मंजुल, डा. श्रीनिवास शुक्ल, डा. रविद्र त्रिपाठी, रमेशचंद्र सिंह आदि मौजूद रहे। शिक्षामित्रों को स्थायी कर्मचारी घोषित करे सरकार

देवरिया: उप्र दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि आज प्रदेश में शिक्षामित्रों की स्थिति दयनीय है। वह अपने भविष्य को लेकर चितित है। प्रदेश सरकार से मांग करते हैं कि शिक्षामित्रों को स्थायी कर्मचारी घोषित करे।

वह शनिवार को सदर बीआरसी परिसर में शिक्षामित्रों की आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यदि जल्द शिक्षामित्रों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाती है तो एक जून से प्रदेश के शिक्षामित्र बाध्य होकर धरना-प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में नवनिर्वाचित शिक्षकों का वेतन भुगतान अभी शुरू नहीं हुआ है। दूर ब्लाकों में उनकी तैनाती हुई है। चार माह से वेतन नहीं मिल रहा है। जिसके कारण आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। यह विभागीय उदासीनता को दर्शाता है। उन्होंने उत्तराखंड त्रासदी में शिक्षामित्र सुमन यादव के पति संतोष यादव के लापता होने पर दुख जताया और कहा कि जिले भर के शिक्षामित्र एक दिन का मानदेय देकर आर्थिक सहयोग करेंगे। इसके लिए बीएसए को सहमति पत्र दिया जाएगा। इस मौके पर विशुनदेव प्रसाद, यावेंद्र, उमेश प्रसाद, जयंती मिश्रा, कुमारी निर्मला, रंभा देवी, आरती गुप्ता, राकेश यादव, पंकज गुप्ता, राजीव कुमार आदि मौजूद रहे।

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