मध्य प्रदेश के साइबर अपराधियों से जुड़े दो जालसाज गिरफ्तार

कोतवाली पुलिस व साइबर क्राइम सेल की टीम ने मोबाइल दुकानदार शहर के रामनाथ देवरिया से शुभम गुप्त व शहर के कृष्णानगर से संजय चौरसिया को गिरफ्तार किया। तलाशी के दौरान इनके पास से 101 मोबाइल विभिन्न बैंकों के 11 अदद पासबुक 30 एटीएम कार्ड समेत अन्य सामान बरामद किया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 01:51 AM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 01:51 AM (IST)
मध्य प्रदेश के साइबर अपराधियों से जुड़े दो जालसाज गिरफ्तार
मध्य प्रदेश के साइबर अपराधियों से जुड़े दो जालसाज गिरफ्तार

देवरिया: जिले की साइबर क्राइम सेल व कोतवाली पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। मध्य प्रदेश के साइबर अपराधियों के गिरोह से जुड़े शहर के दो मोबाइल दुकानदारों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जालसाजों के पास से 101 मोबाइल, 1 लाख 61 हजार रुपये नकदी, एटीएम कार्ड, पैन कार्ड समेत बड़ी संख्या में सामान बरामद किए गए हैं। इस मामले में कोतवाली पुलिस ने दोनों जालसाजों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। साथ ही गिरोह में शामिल अन्य सदस्यों तक पहुंचने में पुलिस जुटी हुई है।

कोतवाली पुलिस व साइबर क्राइम सेल की टीम ने मोबाइल दुकानदार शहर के रामनाथ देवरिया से शुभम गुप्त व शहर के कृष्णानगर से संजय चौरसिया को गिरफ्तार किया। तलाशी के दौरान इनके पास से 101 मोबाइल, विभिन्न बैंकों के 11 अदद पासबुक, 30 एटीएम कार्ड समेत अन्य सामान बरामद किया है। पूछताछ में जालसाजों ने बताया कि मध्य प्रदेश के बालाघाट के साइबर अपराध करने वाले गिरोह एचएसबी ग्रुप से यह जुड़े हुए हैं। वह लोगों के खाते से रुपये इनके खाते में ट्रांसफर करते हैं और यह उस रुपये से मोबाइल व अन्य सामान की खरीदारी कर उसे बेच देते हैं। इसके बाद अपना कमीशन काट कर ग्रुप के सरगना को पूरा रुपया भेज देते हैं। इस तरह यह ब्लैक मनी को ह्वाइट मनी बनाने का काम करते हैं। पूछताछ में जालसाजों ने बताया कि फर्जी आइडी विभिन्न नामों से विभिन्न आन-लाइन कंपनियों का बनाया हुआ है। रुपया आते ही विभिन्न कंपनियों में बने फर्जी आइडी से सामान की खरीदारी कर लेते हैं और पेमेंट भी साथ ही साथ करते हैं। सामान आने के बाद उसे ले लेते हैं। इतना ही नहीं, कभी-कभी यह सामान लेने के बाद यह कैंसिल मार देते हैं। जिससे सामान इनके पास ही रह जाता है और उनके बैलेट में रुपया वापस भी आ जाता है। फर्जी नाम से बने आइडी के चलते कंपनी भी इनके पास नहीं पहुंच पाती।

पुलिस अधीक्षक डा.श्रीपति मिश्र ने कहा कि यह बड़ा रैकेट है। इस गिरोह में शामिल अन्य सदस्यों तक पहुंचने में पुलिस जुटी हुई है। यह बालाघाट में दर्ज मुकदमे में वांछित भी चल रहे थे।

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