बकाया बिल वसूली में विद्युत सखियों की भूमिका महत्वपूर्ण

जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बकाया बिल वसूली में विद्युत सखियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। वसूली से विभाग की आर्थिक सेहत तो सुधरेगी ही बड़ी संख्या में महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 09 Oct 2021 11:44 PM (IST) Updated:Sun, 10 Oct 2021 12:48 AM (IST)
बकाया बिल वसूली में विद्युत सखियों की भूमिका महत्वपूर्ण
बकाया बिल वसूली में विद्युत सखियों की भूमिका महत्वपूर्ण

देवरिया: जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बकाया बिल वसूली में विद्युत सखियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। वसूली से विभाग की आर्थिक सेहत तो सुधरेगी ही, बड़ी संख्या में महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा। महिलाएं सशक्त होंगी तो परिवार आर्थिक रूप से मजबूत होगा।

जिलाधिकारी शनिवार को टाउनहाल स्थित आडिटोरियम में उप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तत्वावधान में आयोजित विद्युत सखियों के एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यूपीपीसीएल व उप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के बीच स्वयं सहायता समूह से संबद्ध विद्युत सखियों के माध्यम से ग्रामीण अंचलों में बिल वसूली का कार्य कराने का समझौता हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में वसूली कठिन होता है, लेकिन प्रशिक्षण के बाद विद्युत सखियां अपना कार्य बेहतर ढंग से करेंगी। विद्युत विभाग को विद्युत सखी के रूप में अतिरिक्त श्रमबल मिला है। विद्युत सखी एजेंट के रूप में जितनी सक्रियता से बिल वसूली करेंगी। उससे विद्युत विभाग को उतना ही फायदा मिलेगा। डीसी मनरेगा विजय शंकर राय ने कहा कि कुल 269 विद्युत सखियां प्रशिक्षण में शामिल हुई हैं। विद्युत सखियों को ग्रामीण क्षेत्र में घर-घर जाकर बिजली का बिल वसूली करनी है। उनको दो हजार के बिल पर 20 रुपये कमीशन मिलेगा। इससे अधिक बिल वसूली पर एक फीसद कमीशन मिलेगा। बरहज ब्लाक की राधा कुशवाहा व रिकू देवी जैसी सखियां प्रतिमाह आठ से 10 हजार रुपये कमा रही हैं। अन्य सखियां उनके अनुभवों का लाभ उठा कर आय बढ़ा सकती हैं। इस अवसर पर अधीक्षण अभियंता जीसी यादव, जिला विकास अधिकारी श्रवण कुमार राय, डीआरडीए के परियोजना निदेशक संजय कुमार पांडेय आदि मौजूद रहे। महिलाओं को दी जानकारी

मिशन शक्ति के तृतीय चरण में शनिवार को रविद्र किशोर शाही राजकीय महाविद्यालय पथरदेवा में संगोष्ठी आयोजित की गई। वक्ताओं ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानून के बारे में जानकारी दी। कहा कि आज के परिवेश में महिलाओं का सशक्त होना जरूरी है। जनता उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य डा. मधुसूदन मणि त्रिपाठी कहा कि नारी अब अबला नहीं, सबला है। नारी के बिना पुरुष का यश नहीं है। हम लोग नारी के प्रतीक के रूप में मां सरस्वती, दुर्गा, लक्ष्मी की आराधना तो करते हैं, साथ ही हमें अपने घर परिवार की महिलाओं का भी समुचित सम्मान करना चाहिए। प्राचार्य डा.सतीश कुमार उपाध्याय ने महिला सशक्तीकरण को आज की आवश्यकता बताया। इस मौके पर डा.संजय कुमार व डा. एकता वर्मा ने भी महिला सुरक्षा पर विचार व्यक्त किए। संचालन डा. सर्वेश तिवारी ने किया।

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