कठिन मेहनत व ग्राहकों के विश्वास से आसान हुई राह

देवरिया के हार्डवेयर कारोबारी संजय मल्ल व्यवसाय के लिए ग्राहकों की सुविधा को महत्वपूर्ण मानते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 12:30 AM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 05:02 AM (IST)
कठिन मेहनत व ग्राहकों के विश्वास से आसान हुई राह
कठिन मेहनत व ग्राहकों के विश्वास से आसान हुई राह

देवरिया: कारोबार में चुनौतियों का सामना करना आसान नहीं होता। इसके लिए खुद की मेहनत, लगन और ग्राहकों का विश्वास जीतना मायने रखता है। ग्राहकों की जरूरत और उनकी सुविधाओं का ध्यान रखना जरूरी होता है। खुद की सोच सकारात्मक रखनी होती है। सही योजना बनाकर कार्य करने से कठिन राह भी आसान हो जाती है। इसलिए मन लगाकर समर्पण भाव से काम करना होता है। इसी सोच व लगन के साथ कारोबार करने से तरक्की की राह आसान हो जाती है। हार्डवेयर कारोबार में ऊंचाई छूने वाले शहर के मल्ल एग्रीकल्चर मशीनरी स्टोर मोतीलाल रोड के संजय मल्ल इसी मंत्र पर अमल करते हैं।

संजय मल्ल कहते हैं, मेरे दादा स्व.बाबूलाल मल्ल एक दुकान पर काम करते थे। उस समय उनकी तनख्वाह 75 रुपये मासिक थी। 1976 में दादा जी ने सब्जी मंडी में हार्डवेयर की छोटी सी दुकान खोली। यह वह दौर था जब व्यवसाय करना आसान नहीं था। विपरीत परिस्थिति में भी दादा जी के कदम डिगे नहीं। मेहनत से दुकान को बढ़ाते रहे। हाईस्कूल पास करने के बाद मेरे पिता राजेंद्र मल्ल का 1977 से दुकान पर आना जाना शुरू हो गया। व्यवसाय में पिता जी का मन लगने लगा। बाद में उन्होंने इसे संभाल लिया। मेरे पिता जी ने कड़ी मेहनत की। अगल-बगल के दुकानों से सामान लेकर व्यवसाय को बढ़ाया। 1992 में मैं व्यवसाय में आ गया। मैंने अपने छोटे भाई दुर्गेश मल्ल के साथ मिलकर इसका विस्तार किया। विभिन्न कंपनियों के हार्डवेयर के सामान का रेंज रखने लगा। इसके अलावा भवन निर्माण संबंधी सभी सामान जैसे प्लंबर, टंकी, पाइप फीटिग, मोटर आदि के सामान भी बेचने लगा।

नई तकनीक से मिला फायदा

संजय मल्ल कहते हैं कि गूगल पर सर्च करने पर फर्म का नाम आ जाता है। कोरोना काल में नई तकनीक की मदद से ग्राहकों से संवाद बनाए रखा। कोरोना संकट के दौर में ग्राहकों को बुलाना उतना आसान नहीं है। ग्राहक भी डिजिटल पर अपनी निर्भरता अधिक बढ़ा रहे हैं। हमारे यहां अधिकतर पेमेंट आनलाइन बैंकिग, पे-फोन व पेटीएम से ही होता है। इससे ग्राहकों को भी सुविधा रहती है। जिले के करीब 300 दुकानदार हमारे ग्राहक हैं। इसके अलावा छोटे दुकानदारों की तादाद अलग है। कोरोना काल में हमने दुकानदारों से संपर्क बनाने के लिए वाट्सएप का सहारा लिया। दुकानदार सामान की सूची लिखकर हमारे पास भेजते हैं और मैं तीन गाड़ियों से उनका सामान उनके पास सुरक्षित तरीके से उपलब्ध कराता हूं। इससे ग्राहक भी खुश और हमें भी राहत मिलती है।

ग्राहकों से रिश्ते होते गए प्रगाढ़

ग्राहकों से संवाद का फायदा यह हुआ कि उनसे रिश्ते प्रगाढ़ होते गए। उन्हें व्यापार की बारीकियां बताने में मुझे संकोच नहीं होता। ग्राहकों को समय से सामान उपलब्ध कराना और भुगतान भी समय से देना व लेना जरूरी होता है। नए दुकानदार जो हमारे ग्राहक बनते हैं उन्हें समझाना पड़ता है। जिसका फायदा उन्हें मिलता है। उनका कारोबार बढ़ने लगता है।

कर्मचारियों का मिला भरपूर सहयोग

संजय मल्ल कहते हैं कि हमारे यहां 42 कर्मचारी हैं। कोरोना काल के मुश्किल वक्त में कर्मचारियों का भरपूर सहयोग मिला। हमने भी उनका पूरा ख्याल रखा। लाकडाउन के दौरान 45 दिन तक सबकुछ बंद था। उस समय भी हमने अपने कर्मचारियों का वेतन भुगतान किया। उन्हें कोई तकलीफ न हो, इसका ध्यान रखते हैं। यदि कोई बीमार पड़ गया या शादीब्याह है तो एडवांस में 50 हजार से एक लाख रुपये दे देता हूं। सभी लोग परिवार के सदस्य की तरह हैं।

सामाजिक कार्यों में भी है रुचि

संजय मल्ल कहते हैं कि सामाजिक कार्यों में मेरी रुचि रखती है। रोटरैक्ट क्लब से काफी समय से जुड़ा हूं। इसका अध्यक्ष भी रहा हूं। वर्तमान में सदस्य हूं। कोरोना काल में हमने क्लब के पदाधिकारियों के साथ मिलकर गरीबों को राशन व अन्य जरूरी सामान पहुंचाया। इस कार्य से मुझे बेहद खुशी मिली। पौधारोपण जैसे कार्यों में भी मेरी गहरी दिलचस्पी है।

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