प्रतिशोध में बुझा दिया घर का इकलौता चिराग

पंकज परिवार का इकलौता चिराग था प्रतिशोध की ऐसी आग लगी कि हत्यारोपितों ने उसे मौत की नींद सुला दिया और उसके परिवार में जल रहे खुशी के दीप को हमेशा के लिए बुझा दिया। बेटे का शव देखते ही उसकी मां बेहोश होकर गिर पड़ी। पानी का छींटा मारकर लोगों ने उसे होश में लाया लेकिन वह बेटे का शव देखते ही दहाड़ मारते बेहोश हो जा रही थी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 20 Apr 2019 11:39 PM (IST) Updated:Sat, 20 Apr 2019 11:39 PM (IST)
प्रतिशोध में बुझा दिया घर का इकलौता चिराग
प्रतिशोध में बुझा दिया घर का इकलौता चिराग

देवरिया: पंकज परिवार का इकलौता चिराग था, प्रतिशोध की ऐसी आग लगी कि हत्यारोपितों ने उसे मौत की नींद सुला दिया और उसके परिवार में जल रहे खुशी के दीप को हमेशा के लिए बुझा दिया। बेटे का शव देखते ही उसकी मां बेहोश होकर गिर पड़ी। पानी का छींटा मारकर लोगों ने उसे होश में लाया, लेकिन वह बेटे का शव देखते ही दहाड़ मारते बेहोश हो जा रही थी। उसे रोते देख अन्य लोगों की भी आंखें भर आईं।

रवींद्र मणि बैतालपुर चीनी मिल में कार्य करते थे, मिल के बंद होने के बाद वह घर पर रहते हैं। इकलौते बेटे पंकज मणि को बहुत प्यार देते थे, लेकिन शुक्रवार की रात उनके परिवार के लिए काली रात साबित हुई। जब बेटे को गोली लगी और लोगों ने उन्हें इसकी सूचना दी तो वह परेशान हो गए। वह बेटे को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे और चिकित्सक के सामने बेटे को बचाने के लिए गिड़गिड़ाते रहे। चिकित्सक ने उनकी बातें सुनी और भगवान पर भरोसा रखने की बात कह मेडिकल कालेज रेफर कर दिया। रवींद्र मणि की गोद में ही पंकज ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। मौत की सूचना के बाद परिवार में चीत्कार मच गया। पंकज की मां विमला बेटे का शव देखते ही दहाड़ मारने लगी।

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