अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य देकर व्रतियों ने मांगी पुत्रों की लंबी उम्र

सूर्यदेव के आराधना का महापर्व सूर्य षष्ठी (छठ) मंगलवार को श्रद्धा के साथ मनाया गया। व्रती महिलाओं ने अस्ताचल सूर्य को अ‌र्घ्य देकर पुत्रों के लंबी उम्र की कामना की। बरहज के सरयू तट पर अ‌र्ध्य देने के लिए हजारों महिलाओं का हुजूम उमड़ा। अ‌र्घ्य देने के बाद नदी में प्रवाहित किए दीपों का विहंगम ²श्य देखते ही बना

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Nov 2018 11:40 PM (IST) Updated:Tue, 13 Nov 2018 11:40 PM (IST)
अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य देकर व्रतियों ने मांगी पुत्रों की लंबी उम्र
अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य देकर व्रतियों ने मांगी पुत्रों की लंबी उम्र

देवरिया : सूर्यदेव के आराधना का महापर्व सूर्य षष्ठी (छठ) मंगलवार को श्रद्धा के साथ मनाया गया। व्रती महिलाओं ने अस्ताचल सूर्य को अ‌र्घ्य देकर पुत्रों के लंबी उम्र की कामना की। बरहज के सरयू तट पर अ‌र्ध्य देने के लिए हजारों महिलाओं का हुजूम उमड़ा। अ‌र्घ्य देने के बाद नदी में प्रवाहित किए दीपों का विहंगम ²श्य देखते ही बना। श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। बरहज कार्यालय के अनुसार दोपहर बाद से ही नगर से लेकर ग्रामीण इलाके के श्रद्धालु सिर पर पूजा सामग्री लेकर नदी की तरफ चल पड़े। शाम होते-होते हजारों श्रद्धालु इकट्ठा हुए। छठ मइया का गीत गाती महिलाओं का समूह मनोहारी छटां बिखेर रहा था। आलम यह था कि तट पर तिल रखने तक की जगह नहीं बची। महिलाएं वेदी पूजन के बाद नदी में खड़ी होकर सूर्यदेव के डूबने का इंतजार करने लगीं। अ‌र्घ्य के बाद कुछ महिलाएं घर लौटीं तो कुछ कोसी भरने के लिए रात भर नदी तट पर जमी रहीं। नपा प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं के लिए नगर से लेकर नदी तट तक पथ प्रकाश की व्यवस्था कराई गई थी। नदी महिला घाट, रामजानकी घाट, गया चौधरी घाट, जहाज घाट, तुलसीदास घाट, रविदास घाट, परशुराम घाट, कुटी घाट, लालचंद घाट के अलावा तिवारीपुर व गौरा के घाटों पर प्रकाश हेतु जेनरेटर लगे थे।

मदनपुर संवाददाता के अनुसार सेमरा घाट, महेन, मोहरा में राप्ती नदी के तट पर मेले जैसा ²श्य रहा।

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पूरबिया गीतों से गूंजते रहे छठ घाट

रुद्रपुर, देवरिया: उपनगर के सेमरौना के समीप बरुथनी रीवर फ्रंट का विहंगम ²श्य देखने लायक था। पारंपरिक विधि-विधान से उल्लास पूर्ण वातावरण में मनाया गया। अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य देने के लिए महिलाएं अपने घरों से करीब तीन बजे से नंगे पैर घरों से निकल पड़ी। पूरब संस्कृति की छठा बिखरेती पारंपरिक वेशभूषा में रंग-बिरंगे पीत वस्त्र धारी कपड़े पहन कर महिलाएं घरों से माथे पर पूजा सामग्री लिए घाटों तक गई। वेदी पर पूजन सामग्री रख सूर्य को अ‌र्घ्य दिया। कई घरों में मन्नत पूरी होने पर कोसी भी भरा गया। व्रती महिलाओं के साथ बैंडबाजा, डोल-नगाढ़े बजाते लोग झूमते गाते घाटों की तरफ जा रहे थे। उनके समूह से भोजपुरी के कर्णप्रिय पारंपरिक गीत गूंज रहे थे।

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अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य के साथ मनाया गया छठ पर्व

रुद्रपुर, देवरिया: क्षेत्र के ग्राम पंचायत खोरमा के छठ घाट पर व्रतियों की भीड़ रही, जहां आस्था का सैलाब उमड़ रहा था। ग्राम खोरमा, कन्हौली ,निबही, निबही धुस, बौरडीह आदि गांव की व्रती महिलाओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य दिया। इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष डा.अंतर्यामी ¨सह, हरिनंदन त्रिपाठी, सरस चंद जायसवाल, अभिषेक मिश्रा ,शुभम त्रिपाठी, राजेश त्रिपाठी, अम्बुज पांडेय, रामकृपाल मद्धेशिया, चंदन त्रिपाठी, उत्तम चंद छठ घाट पर पहुंच कर व्रतियों को छठ पर्व की शुभकामनाएं दी।

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आस्था के बीच महिलाओं ने रखा छठ व्रत

सलेमपुर, देवरिया: लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर महिलाओं में काफी उत्साह दिखा। पूरे दिन निर्जला व्रत के बाद महिलाएं नदी व सरोवरों पर पहुंच पूजा पाठ कीं और डूबते सूर्य को अ‌र्घ्य दीं। देर रात तक घरों में पूजा-पाठ तथा देवी गीत गूंजती रही। पुत्र के दीर्घायु की कामना को लेकर महिलाओं ने मंगलवार को छठ व्रत रखा। इस दौरान नदी व जलाशयों के किनारे वेदी बनाकर पूजा की गई। सलेमपुर नदावर घाट, भागलपुर, सोहनाग, मेहरौनाघाट पर सूर्यास्त होने के पहले व्रती महिलाओं की भीड़ नदी तटों पर उमड़ पड़ी। महिलाओं ने डूबते सूर्य को अ‌र्घ्य देकर पुत्र के दीर्घायु व सुखमय जीवन के लिए मन्नतें मांगी। रात को घरों में कोसी भरने की परंपरा निभाई पूरी रात देवी गीतों से गूंजता रहा। भागलपुर संवाददाता के अनुसार सरयू तट भागलपुर में छठ पर तालाब के किनारे बने घाटों पर शाम को महिलाओं की भारी भीड़ रही। घाटों पर साफ-सफाई से लेकर प्रकाश की व्यवस्था की गई थी। खुखुंदू संवाददाता के अनुसार बैंडबाजा के साथ लोग छठ घाट पर पहुंचे, जहां महिलाओं ने अ‌र्घ्य दिया। घाट पर प्रकाश के लिए जनरेटर का इंतजाम किया गया था। खुखुंदू, नरौली खेम, नरौली संग्राम, मगराइच, जैतपुरा, सुकरौली, सुरहा, बहादुरपुर, भैसहा, असना, नूनखार, अघैला, पिपराशुक्ल, खजुरी करौता, बैदौली, झिल्लीपार, तिलौली उर्फ डेहरी, भरथुआ आदि गांवों में छठ धूमधाम से मनाया गया।

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