सरयू तट पर धार्मिक अनुष्ठान करा रहीं संगीता व गुड़िया

हाथ में फूल और अक्षत लिए मंत्रोचार करती बेटियां स्नातक

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 12:04 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 12:04 AM (IST)
सरयू तट पर धार्मिक अनुष्ठान करा रहीं संगीता व गुड़िया
सरयू तट पर धार्मिक अनुष्ठान करा रहीं संगीता व गुड़िया

जागरण संवाददाता, बरहज, देवरिया : बरहज की बेटियां कर्मकांड के साथ ही सभी धार्मिक अनुष्ठान भी करा रही हैं। इस पुरुष प्रधान काम में लगीं गुड़िया पांडेय, संगीता पांडेय संस्कृत के श्लोक का शुद्ध उच्चारण करती हैं। हाथ में फूल और अक्षत लिए मंत्रोच्चार करतीं बेटियां स्नातक हैं। महिला सशक्तीकरण की मिसाल हैं। सरयू नदी के रामघाट पर कथा भी सुनाती हैं।

बरहज के पटेल नगर पश्चिमी निवासी संगीत पांडेय शास्त्री हैं। बचपन में पिता बद्री नारायण पांडेय के साथ सरयू तट पर आने के दौरान मन में भाव जगा। शास्त्री तक पढ़ाई की और सरयू तट पर कथा, पूजा, कर्मकांड में जुट गई। दो भाई हैं। गुड़िया पांडेय अर्थशास्त्र से स्नातक महिला शिक्षा कला भवन, मुजफ्फरपुर बिहार से की हैं। संगीता पांडेय श्रीराम स्नातकोत्तर संस्कृत महाविद्यालय तेलिया शुक्ल से शास्त्री की पढ़ाई की हैं।

बताती हैं कि सरयू तट पर आने वाली महिलाएं उनसे ही कथा, पूजा कराती हैं। धार्मिक कार्यो को कराने के साथ लोग सम्मान और दान भी करते हैं। पटेल नगर पश्चिमी निवासी गाड़िया पांडेय बीए की हैं। दो भाई और सात बहनों में बड़ी हैं। बताती हैं कि उनके घर पहले यह कार्य पुरुष करते थे। लेकिन स्नातक करने के बाद से इस कार्य मे जुट गई। सरयू तट के राम घाट पर प्रतिदिन आने वाले श्रद्धालुओं का कथा, पूजा, कर्मकांड संपन्न कराती हैं। बतातीं हैं शुरू में कुछ लोग पुरुषों का कार्य कह टीका टिप्पणी किए। लेकिन समझदार और पढ़े लिखे लोगों ने सराहा भी। पुरुषों का तोड़ा वर्चस्व

बरहज : कर्मकांड और पूजा-पाठ पर पुरुष-पंडितों का वर्चस्व था, इस मिथक को इन बरहज की बेटियों ने तोड़ा है। लोग उन्हें धाराप्रवाह संस्कृत श्लोक बोलते तथा पूरे विधि-विधान से पूजा-पाठ व अन्य कार्य कराते देख आश्चर्यचकित हो जाते हैं। बेटियां समाज को एक नई दिशा देने में लगीं हैं। पुरुष वर्ग के दबदबे वाला यह कार्य किसी चुनौती से कम नहीं था। सामाजिक तानों को दरकिनार कर दोनों इस काम में आगे बढ़तीं रहीं।

chat bot
आपका साथी