बरहजिया ट्रेन चलने से बढ़ेगी कारोबार की रफ्तार

बरहजिया के चलने से बरहज बाजार के दुकानदारों में प्रशन्नता है। दुकानदार सुनील बरनवाल राजीव गुप्त संजय प्रजापति रुदल सिंह का मानना है कि ट्रेन के चलने से कारोबार को गति मिलेगी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 12:34 AM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 12:34 AM (IST)
बरहजिया ट्रेन चलने से बढ़ेगी कारोबार की रफ्तार
बरहजिया ट्रेन चलने से बढ़ेगी कारोबार की रफ्तार

देवरिया: पूर्वोत्तर रेलवे के सबसे छोटे रेल खंड सलेमपुर-बरहज पर एक बार फिर बरहजिया ट्रेन दौडे़गी। रेलवे बोर्ड के आदेश आने के बाद स्थानीय रेल प्रशासन ने तैयारी पूरी कर लिया है।

बरहजिया के चलने से बरहज बाजार के दुकानदारों में प्रशन्नता है। दुकानदार सुनील बरनवाल, राजीव गुप्त, संजय प्रजापति, रुदल सिंह का मानना है कि ट्रेन के चलने से कारोबार को गति मिलेगी। विभिन्न गांव के लोग यहां साधन के अभाव में नहीं आ पाते थे, उनको सुविधा मिलेगी।

कोरोना संक्रमण काल में बरहजिया ट्रेन के संचालन पर रोक लगा दिया गया, 11 माह बाद एक बार फिर बरहज ट्रेन पटरी पर दौड़ती हुई नजर आएगी। ट्रेन के संचालन शुरू होने से यात्रियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। भले ही यह रेल खंड रेलवे की नजर में घाटे का सौदा है, लेकिन जन दबाव में इस ट्रेन का संचालन किया जाता है। जल्द ही सामान्य काउंटर भी खुलने लगेंगे। जनसंपर्क अधिकारी वाराणसी अशोक कुमार ने कहा कि बोर्ड से अनुमति जिन-जिन ट्रेनों को चलाने की मिल रही है, उन ट्रेनों को चलाया जाएगा। यह भी जानिए:

एक जमाने में बरहज नदी मार्ग से व्यापार का एक बड़ा केंद्र हुआ करता था, रेल मार्ग से भी व्यापार की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अंग्रेजों ने 1896 में इस रेल लाइन का निर्माण कराया गया, माल ढुलाई और व्यापारियों के कारण यह रेल खंड लाभ का सौदा रहा। चीनी मिलों को भी ट्रेन के जरिये ही गन्ना पहुंचता था और चीनी मिल में भी ट्रेन के जाने के लिए पटरी बिछायी गई थी। आजादी के बाद भी रेलवे को इससे खूब आमदनी हुई। 25 किलोमीटर में फैले यह रेल खंड अब रेलवे के लिए घाटा का सौदा हो गया है,लेकिन जन दबाव में इस रेल खंड बरहजिया ट्रेन चलाई जा रही है।

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