सगे भाइयों ने कोलकाता की कंपनी की भूमि करा ली अपने नाम, मुकदमा
भाटपाररानी तहसील के महाल नदी स्याही में शारदा इंवेस्टमेंट कंपनी लिमिटेड कोलकाता की 2.836 हेक्टेयर भूमि है जिसे खामपार के राजपुर गांव के रहने वाले दो सगे भाइयों जटाशंकर सिंह व बाबूलाल ने खतौनी में कूटरचना कर अपने नाम करा लिया।
देवरिया: कोलकाता की कंपनी की भूमि को कूटरचित तरीके से सगे भाइयों ने अपने नाम करा ली थी। भाटपाररानी तहसील प्रशासन की जांच में इसकी पुष्टि हुई। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कक्ष संख्या 17 सूर्यकान्त धर दूबे के न्यायालय के आदेश पर भाटपाररानी पुलिस ने 19 दिन बाद सगे भाइयों व तत्कालीन लेखपाल के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है।
भाटपाररानी तहसील के महाल नदी स्याही में शारदा इंवेस्टमेंट कंपनी लिमिटेड कोलकाता की 2.836 हेक्टेयर भूमि है, जिसे खामपार के राजपुर गांव के रहने वाले दो सगे भाइयों जटाशंकर सिंह व बाबूलाल ने खतौनी में कूटरचना कर अपने नाम करा लिया। कंपनी ने सिवान जनपद के मैरवा मेन रोड के रहने वाले बिहारीलाल को देखरेख के लिए अधिकार पत्र (पावर आफ अटार्नी) दिया है। उन्होंने इसकी शिकायत एसडीएम भाटपाररानी से एक सितंबर 2017 को की। कहा कि खतौनी में तीन आराजी संख्या कंपनी के नाम है। जिसे कूटरचना कर फर्जी तरीके से सगे भाइयों ने भाटपाररानी तहसील के तत्कालीन लेखपाल सुमित श्रीवास्तव के सहयोग से अपने नाम करा लिया। खतौनी फसली वर्ष 1403-1409 के आदेश स्तंभ में राज नारायण पुत्र जमुना के वरासत की कूटरचना की प्रविष्टि की गई। इसके साथ ही खतौनी फसली वर्ष 1410-1415, 1416-1421, 1422-1427 में कूटरचना कर तीनों गाटों में अपना नाम अंकित करा लिया। एसडीएम भाटपाररानी ने तहसीलदार, नायब तहसीलदार व रजिस्ट्रार कानूनगो की तीन सदस्यीय टीम गठित कर जांच कराई। जांच रिपोर्ट में कहा गया कि बाबूलाल व जटाशंकर ने शारदा इंवेस्टमेंट कंपनी लिमिटेड की भूमि को कूटरचना कर हड़पने का प्रयास किया है। बाद में खतौनी को सही किया गया। प्रभारी निरीक्षक भाटपाररानी दिलीप सिंह बताया कि न्यायालय के आदेश पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। इसकी विवेचना की जाएगी।