राजनीति व साहित्य एक दूसरे के पूरक: प्रो. श्री प्रकाश मणि

देवरिया नागरी प्रचारिणी सभा के गांधी सभागार में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने कहा कि राजनीति व साहित्य एक दूसरे के पूरक हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 19 Nov 2020 11:17 PM (IST) Updated:Thu, 19 Nov 2020 11:17 PM (IST)
राजनीति व साहित्य एक दूसरे के पूरक: प्रो. श्री प्रकाश मणि
राजनीति व साहित्य एक दूसरे के पूरक: प्रो. श्री प्रकाश मणि

देवरिया: नागरी प्रचारिणी सभा के गांधी सभागार में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान काव्य संग्रह आशुतोष त्रिपाठी द्वारा रचित मेरे भीतर का मैं काव्य संग्रह का विमोचन किया गया। मुख्य अतिथि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जन जातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक मध्य प्रदेश के कुलपति प्रो. श्री प्रकाश मणि त्रिपाठी ने कहा कि राजनीति और साहित्य एक दूसरे के पूरक हैं। राजनीति का दायित्व समाज को दिशा देना है और साहित्य राजनीति को दिशा देती है। वर्तमान को कैसे बेहतर बनाना है, भविष्य कैसे बेहतर होगा इसकी चिता हमेशा राजनीति को रहती है। इससे इतर साहित्य हमें संबल प्रदान करता है। ये दोनों एक दूसरे के पूरक हैं।

विशिष्ट अतिथि सदर विधायक डा. सत्य प्रकाश मणि त्रिपाठी ने कहा कि मैं आपके बीच आपकी सेवा लगातार करता रहूंगा। विधान सभा में मैंने सत्य निष्ठा को नहीं ईश्वर को साक्षी मानकर शपथ लिया है। मुझसे पूछा गया कि तो मैनें कहा कि मैं अपने कार्यकाल के दौरान विधायक का वेतन नहीं लूंगा। शिक्षण कार्य करता रहूंगा। जनता की सेवा ही मेरे जीवन का उद्देश्य है। हनुमान जी महराज से एक ही प्रार्थना करता हूं कि मेरे पास से कोई खाली हाथ वापस न जाए। नागरी प्रचारिणी के अध्यक्ष आचार्य परमेश्वर जोशी ने भी आगंतुकों के प्रति आभार जताया।

यहां सभा को मुख्य रूप से नागरी प्रचारिणी के मंत्री इंद्र कुमार दीक्षित, उद्भव मिश्र, सरोज पांडेय, तारकेश्वर मिश्र, हिमांशु सिंह, दिवाकर तिवारी, वृजेश पांडेय, गोपाल कृष्ण रामू, धीरेन्द्र मणि त्रिपाठी, शांति स्वरुप दूबे,कौशल मिश्र, संजय राव, सौरभ श्रीवास्तव आदि ने संबोधित किया। सरस्वती वंदना डा. मुरलीधर पांडेय ने प्रस्तुत किया। संचालन डा. भावना सिन्हा ने किया।

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