दु‌र्व्यवस्था के बीच मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले में हुआ मरीजों का इलाज

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सलेमपुर से संबद्ध न्यू पीएचसी चेरो में स्वास्थ्य मेले में कुल 32 मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। यहां डा. तारकेश्वर वर्मा के अलावा डा. उमेश पांडेय व एलटी अशोक पांडेय ने मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 07 Nov 2021 10:55 PM (IST) Updated:Sun, 07 Nov 2021 10:55 PM (IST)
दु‌र्व्यवस्था के बीच मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले में हुआ मरीजों का इलाज
दु‌र्व्यवस्था के बीच मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले में हुआ मरीजों का इलाज

देवरिया: जिले में रविवार को मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले में काफी दु‌र्व्यवस्था के बीच मरीजों का इलाज किया गया। दूर-दूर से पहुंचे पहुंचे मरीजों को बेहतर इलाज नहीं मिल सका। अधिकांश डाक्टर मेले में खानापूर्ति कर चलते बने। जिले की 67 न्यू पीएचसी पर लगे मेले में 4785 मरीजों का इलाज किया गया। इस बीच मेले को संपन्न कराने के लिए 145 डाक्टर, 537 पैरा मेडिकल स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई थी। जिसमें कई डाक्टर व पैरा मेडिकल स्टाफ ड्यूटी करने नहीं पहुंचे। इस दौरान 221 गरीबों का गोल्डन कार्ड बनाया गया। मेले में मरीजों को निश्शुल्क दवाएं वितरित की गई। टीबी, सुगर आदि की जांच की गई। एसीएमओ डा. सुरेंद्र सिंह, डा. बीपी सिंह, डा. सुरेंद्र चौधरी, डा. राजेंद्र प्रसाद ने स्वास्थ्य मेले का निरीक्षण कर जायजा लिया। आयुष चिकित्सकों ने संभाला मुख्यमंत्री स्वास्थ्य मेला

न्यू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर रविवार को आयोजित मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले में विशेषज्ञ चिकित्सकों के न आने से मरीजों में काफी निराशा देखने को मिली। रविवार को सलेमपुर के पांचों न्यू पीएचसी पर आयोजित मेले में कहीं भी न तो महिला चिकित्सक पहुंची और न ही कोई विशेषज्ञ चिकित्सक ही पहुंचा। इसलिए गंभीर मरीजों को निराशा हाथ लगी।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सलेमपुर से संबद्ध न्यू पीएचसी चेरो में स्वास्थ्य मेले में कुल 32 मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। यहां डा. तारकेश्वर वर्मा के अलावा डा. उमेश पांडेय व एलटी अशोक पांडेय ने मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। इसी तरह पयासी केंद्र पर डा. एसएम त्रिपाठी तथा डा. मयंक ने 15 मरीज देखे। मझौलीराज में डा. अजीत, डा. आलोक व फार्मासिस्ट नागेंद्र मिश्र ने 34 मरीजों का इलाज किया। पड़री बाजार में स्वास्थ्य मेले में काफी विलंब से डाक्टर पहुंचे और समय से पहले की गायब हो गए। यहां डा. अरशद व डा. सनाउल्ला ने 37 मरीज तथा विशुनपुरा अस्पताल पर कुल 21 मरीजों का इलाज किया गया। पयासी तथा मझौलीराज में कई महिलाएं महिला चिकित्सक के नहीं रहने में निराश लौट गई। चिकित्सा अधीक्षक डा.अतुल कुमार ने बताया कि चिकित्सकों की कमी के चलते दिक्कत आ रही है।

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