वानिकी आधारित उद्योगों से मजबूत होगा प्राकृतिक पर्यावरण तंत्र

वानिकी को बढ़ावा देने के लिए नीति में करना होगा सुधार -पौधारोपण के लिए किसानों को प्रोत्साहित करे सरकार

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 05:35 AM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 06:06 AM (IST)
वानिकी आधारित उद्योगों से मजबूत होगा प्राकृतिक पर्यावरण तंत्र
वानिकी आधारित उद्योगों से मजबूत होगा प्राकृतिक पर्यावरण तंत्र

देवरिया : प्रकृति से जुड़कर ही हम मानव सभ्यता को बचा सकते हैं। यह तभी संभव है जब हम पौधारोपण अभियान को सफल बनाएं। प्रदेश सरकार वानिकी को बढ़ावा देने के लिए नीति बनाई है, लेकिन आज के समय में नीति में सुधार की जरूरत है। किसानों व गैर सरकारी क्षेत्र को पौधारोपण के लिए करें प्रोत्साहित वानिकी को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाने चाहिए। करीब 33 फीसद भूभाग पर पौधारोपण के लिए नीति बने। यह तभी संभव है जब हम किसानों व गैर सरकारी क्षेत्र को शामिल करेंगे। देवरिया जिले की बात करें तो महज 0.6 फीसद भूभाग ही वन क्षेत्र है, लेकिन किसानों व निजी क्षेत्र की तरफ से लगे पेड़ों को देखें तो 10 से 15 फीसद हरियाली जिले में है। सरकार को चाहिए कि पौधारोपण के लिए किसानों को प्रोत्साहित करे। उन्हें पौधारोपण के लिए अनुदान दे। इसके अलावा पौधारोपण के बाद संरक्षण की बात हम भूल जाते हैं। कम से कम चार से पांच साल तक पौधों का संरक्षण किया जाना चाहिए। इसके लिए स्पष्ट नीति बननी चाहिए। विभागीय अफसर पौधा लगाने के बाद उसकी देखभाल के लिए याद नहीं रखते। किसानों को पेड़ बेचने में व्यावहारिक दिक्कतें आती हैं, उसे दूर किया जाए। सहकारिता से लगाएं उद्योग, बढ़ेगी किसानों में रुचि

एसडीपीजी कालेज मठलार के असिस्टेंट प्रोफेसर डा.विनय बरनवाल कहते हैं कि पूर्वांचल में भूमि जोत आकार काफी छोटा है। इसलिए किसान नकदी फसलों को बोना पसंद करते हैं। हमें पूर्वांचल में वानिकी आधारित उद्योगों को बढ़ावा देना होगा। यहां प्रसंस्करण उद्योग नहीं हैं। जैसे यहां नीम के पेड़ बहुत हैं, यदि हमें इसके तेल का उत्पादन करना हो तो हम कैसे करेंगे? प्रसंस्करण उद्योग की स्थापना सामान्य व्यक्ति के क्षमता से बाहर है। इसके लिए हमें सहकारिता माध्यम से काम करना होगा। पूंजी की व्यवस्था करनी होगी। वानिकी आधारित छोटे-छोटे उद्योगों को बढ़ावा देना होगा। तभी लोग पौधारोपण में रूचि लेंगे। उन्हें आर्थिक लाभ मिलेगा और प्राकृतिक पर्यावरण तंत्र मजबूत होगा।

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