सुरक्षा के अभाव में माफिया रामू नहीं पहुंचा जिला अस्पताल

उत्तर प्रदेश के माफिया की सूची में शामिल बसपा के पूर्व विधान परिषद सदस्य रामू द्विवेदी व तीन सहयोगियों को पुलिस ने शनिवार को रंगदारी मांगने के मामले में जेल भेजा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 01:39 AM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 01:39 AM (IST)
सुरक्षा के अभाव में माफिया रामू नहीं पहुंचा जिला अस्पताल
सुरक्षा के अभाव में माफिया रामू नहीं पहुंचा जिला अस्पताल

देवरिया: बसपा के पूर्व विधान परिषद सदस्य व माफिया संजीव द्विवेदी उर्फ रामू की जिला कारागार में तबीयत खराब चल रही है। चिकित्सकों की टीम ने स्वास्थ्य जांच कराने की सलाह दी है। हालांकि बुधवार को जिला कारागार में पुलिस लाइन से फोर्स न पहुंचने के चलते रामू को जिला अस्पताल नहीं भेजा जा सका। उधर जेल चिकित्सक डा.संजय कुमार ने ही शूगर समेत अन्य जांच की और इंजेक्शन देने के साथ ही दवाएं भी उपलब्ध कराया।

उत्तर प्रदेश के माफिया की सूची में शामिल बसपा के पूर्व विधान परिषद सदस्य रामू द्विवेदी व तीन सहयोगियों को पुलिस ने शनिवार को रंगदारी मांगने के मामले में जेल भेजा है। जेल में जाने के बाद से ही रामू की तबीयत पहले से ज्यादा खराब हो गई है और शूगर के साथ ही अन्य दिक्कत बढ़ने लगी हैं। सोमवार की रात स्वास्थ्य टीम ने रामू की जांच की और जिला अस्पताल में एक्स-रे, अल्ट्रा साउंड तथा सीटी स्कैन कराने की सलाह दी। जेल प्रशासन ने जांच के लिए रामू को जिला अस्पताल ले जाने व पुलिस मुहैया कराने के लिए प्रतिसार निरीक्षक को पत्र लिखा है। दिन भर जेल प्रशासन फोर्स का इंतजार करता रहा, लेकिन पुलिस लाइन से जांच कराने टीम नहीं आई। जेल अधीक्षक केपी त्रिपाठी ने कहा कि पुलिस बल न आने के चलते बंदी को अस्पताल नहीं भेजा गया है। जेल के चिकित्सक ही अभी उपचार कर रहे हैं। जांच अधिकारी पर हो सकती है कार्रवाई

माफिया रामू द्विवेदी के भुजौली कालोनी स्थित आवास पर फरवरी 2014 में फायरिग हुई। व्यापारी संजय केडिया के एक नजदीकी को गोली लग गई और वह घायल हो गया था। इस मामले में संजय केडिया की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। राजनीतिक पहुंच के चलते इसकी जांच कुशीनगर स्थानांतरित हो गई। बाद में जांच अधिकारी ने हत्या के प्रयास व अन्य धाराओं को कम करते हुए चार्जशीट दाखिल कर दी। अब न्यायालय के आदेश पर इंस्पेक्टर कोतवाली पुन: विवेचना कर रहे हैं। विवेचक ने हत्या के प्रयास व अन्य धाराओं की बढ़ोत्तरी कर दी है। ऐसे में पहले के जांच के अधिकारी पर भी कार्रवाई की गाज गिरने की बात कही जा रही है।

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