श्रीमद्भागवत कथा सुनने से नष्ट हो जाते हैं सभी पाप: रामानंद शास्त्री

जासं. देवरिया सिधावे में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ महोत्सव में रविवार की शाम रासपंचाध्याय

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 12:00 AM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 12:00 AM (IST)
श्रीमद्भागवत कथा सुनने से नष्ट हो जाते हैं सभी पाप: रामानंद शास्त्री
श्रीमद्भागवत कथा सुनने से नष्ट हो जाते हैं सभी पाप: रामानंद शास्त्री

जासं. देवरिया: सिधावे में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ महोत्सव में रविवार की शाम रासपंचाध्यायी, उद्धव-गोपी संवाद, श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह की कथा के साथ मनोहारी झांकी निकाली गई। आचार्य रामानंद शास्त्री ने छठवें दिन कहा कि कलियुग में श्रीमद्भागवत कथा एक ऐसा सार है, जिसे सुनकर सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।

रुक्मिणी-श्रीकृष्ण विवाह प्रसंग की कथा सुनाते हुए कहा कि विदर्भ राज्य का भीष्म नामक एक वीर राजा था। उसकी पुत्री का नाम रुक्मिणी था। वह बहुत ही सुंदर और सभी गुणों वाली थी। नारद द्वारा श्रीकृष्ण के गुणों का वर्णन सुनने पर रुक्मिणी श्रीकृष्ण से ही विवाह करना चाहतीं थीं। रुक्मिणी के रूप और गुणों की चर्चा सुनकर भगवान कृष्ण ने भी रुक्मिणी के साथ विवाह करने का निश्चय किया था। रुक्मिणी का एक भाई था, जिसका नाम रुक्मि था। उसने रुक्मिणी का विवाह शिशुपाल से साथ तय कर दिया था। रुक्मिणी द्वारा भेजे गए संदेश से जब यह बात श्रीकृष्ण को मालूम हुई तो वे विवाह से एक दिन पहले ही रुक्मिणी का हरण कर द्वारिका ले गए।

द्वारिका पहुंचने के बाद श्रीकृष्ण और रुक्मिणी का विवाह हुआ। विवाह को साकार करते हए मनोहर झांकी सजाई गई। विवाह का स्वयंवर मंच पर प्रस्तुत किया गया। श्रीकृष्ण भगवान ने राधारानी के साथ रास रचायी। कृष्ण का मयूर नृत्य का आनंद दर्शकों ने देर रात्रि तक उठाया। विवाह में जहां महिलाओं ने विवाह गीत गाए वहीं कन्यादान के रूप में रुपए, वस्त्र आदि वस्तुएं भेंट की गईं। युवाओं ने भक्ति के रंग में सराबोर होकर नृत्य किया। यजमान वीरेंद्र व लीलावती तिवारी ने श्रीमद्भागवत भगवान का पूजन किया। नरेंद्र तिवारी, रमेश तिवारी, मृत्युंजय तिवारी, सुबोध, रीशू , सत्यम, विनायक, कार्तिक, ओम, शिवाय सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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