बेटे को इंजीनियर बनाने का जयप्रकाश का सपना रह गया अधूरा

रवि पढ़ने में होनहार था, बेटे में पढ़ाई के प्रति लगन देख जयप्रकाश ने बी-टेक में नामांकन करा दिया, अब बेटे को इंजीनियर बनाने का जयप्रकाश सपना देखने लगे, लेकिन भगवान को यह मंजूर नहीं था।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 Sep 2018 11:45 PM (IST) Updated:Wed, 19 Sep 2018 11:45 PM (IST)
बेटे को इंजीनियर बनाने का जयप्रकाश का सपना रह गया अधूरा
बेटे को इंजीनियर बनाने का जयप्रकाश का सपना रह गया अधूरा

देवरिया : रवि पढ़ने में होनहार था, बेटे में पढ़ाई के प्रति लगन देख जयप्रकाश ने बी-टेक में नामांकन करा दिया, अब बेटे को इंजीनियर बनाने का जयप्रकाश सपना देखने लगे, लेकिन भगवान को यह मंजूर नहीं था। मंगलवार की शाम लखनऊ के गोमती बैराज से रवि का शव मिलने के बाद परिवार में कोहराम मच गया। मां को सूचना मिली तो वह बेहोश होकर गिर पड़ी। लोगों ने पानी का छींटा मारकर होश में लाया। गांव के होनहार युवक की मौत होने के बाद मठिया में शोक की लहर दौड़ गई और कई घरों में चूल्हे तक नहीं जले।

मदनपुर थाना क्षेत्र के ग्राम मठिया निवासी जयप्रकाश मिश्र अपने परिवार के साथ देवरिया शहर के भुजौली में रहते हैं। उनके साथ उनके बड़े भाई वेद प्रकाश मिश्र भी परिवार के साथ रहते हैं और शहर के सिविल लाइन रोड पर हार्डवेयर की दुकान चलाते हैं। जयप्रकाश मिश्र को दो बेटे रवि प्रकाश 23 व छोटा सचिन तथा इकलौती बेटी प्रीति थी। सचिन व प्रीति देवरिया शहर के आरबीटी विद्यालय में पढ़ते हैं, जबकि रवि प्रकाश का दो साल पहले लखनऊ स्थित रामस्वरूप मैनेजमेंट कालेज में बी-टेक में नामांकन कराया गया। रक्षाबंधन के पहले रवि प्रकाश घर आया, लेकिन रक्षाबंधन के पहले ही वह लखनऊ चला गया। विद्यालय के पास ही आवास लेकर रहता था। 13 सितंबर को कमरा खाली कर अपने एक दोस्त के पास रहने के लिए अलीगंज चला गया। उसके अगले ही दिन 14 सितंबर से लापता था। इसकी सूचना 17 सितंबर को घर आई तो वेद प्रकाश व जयप्रकाश मिश्र लखनऊ पहुंचे और बेटे की तलाश में जुट गए। रवि के साथी से मुलाकात की और पूछताछ की तो वह फरार हो गया। लखनऊ में गुमशुदगी का मुकदमा दर्ज कराकर रवि की तलाश में जुटे थे। इसी बीच मंगलवार की शाम रवि का शव गोमती बैराज से मिला। देर रात सूचना भुजौली स्थिति आवास पर आई तो मां रीना दहाड़ मारने लगी और बेहोश होकर गिर पड़ी। लोगों ने उन्हें होश में लाया। वह केवल अपने बेटे को एक बार देखने की जिद कर रही थीं। बहन प्रीति का भी रोते-रोते बुरा हाल हो गया था, जबकि बड़ी मां पूजा भी रो रही थी। दादी द्रौपती देवी गांव पर थीं, पोते की मौत की सूचना मिलने पर वह भी भुजौली कालोनी आ गईं और दहाड़ मारने लगीं। परिवार के सदस्यों को रोते देख अन्य लोगों की आंखें भी भर आईं। पिता का कहना है कि उनके बेटे की दोस्तों ने ही हत्या कर शव फेंक दिया है।

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