आइआइटी मुंबई ने पुल के बेयरिग की डिजाइन की तैयार, जल्द शुरू होगा काम

पुल का निर्माण कार्य 23 जनवरी 1987 को शुरू हुआ। 14 वर्ष बाद 26 दिसंबर 2001 को तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिह ने इसका लोकार्पण किया। कार्यदायी संस्था उप्र राज्य सेतु निगम लिमिटेड ने 2819.44 लाख रुपये की लागत से कार्य पूरा किया। पुल की लंबाई 1185 मीटर है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 10:53 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 10:53 PM (IST)
आइआइटी मुंबई ने पुल के बेयरिग की डिजाइन की तैयार, जल्द शुरू होगा काम
आइआइटी मुंबई ने पुल के बेयरिग की डिजाइन की तैयार, जल्द शुरू होगा काम

देवरिया: बलिया व देवरिया जनपद को जोड़ने वाले क्षतिग्रस्त भागलपुर पुल की दशा जल्द सुधारने की तैयारी है। इस बार आइआइटी मुंबई ने बेयरिग की विशेष डिजाइन तैयार की है। मरम्मत कार्य के लिए शासन से चार करोड़ रुपये मिले हैं। निविदा की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। जल्द ही कार्य शुरू हो जाएगा। पुल के क्षतिग्रस्त स्लैब के जोड़ पर रेत भरी बोरियां रखकर घेर दिया गया है। बलिया व देवरिया के डीएम से अनुमति के बाद जल्द ही आवागमन बंद किए जाने की तैयारी है।

भागलपुर पुल पर दरार पड़ने व कंक्रीट उखड़ने से आए दिन हादसे हो रहे हैं। पुल के रास्ते बलिया व देवरिया के बीच आवागमन होता है। यह पुल बिहार, नेपाल व बंगाल को सड़क मार्ग से जोड़ता है। पुल पर बड़ी तादाद में गड्ढे बन गए हैं। छठवें पाये के स्लैब में दरार व कंक्रीट उखड़ने से स्टील की छड़ें बाहर निकल आई हैं, जिसके चलते चार पहिया व मोटरसाइकिल के टायर फट रहे हैं। आए दिन लोग दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। पुल निर्माण के बाद ही गुणवत्ता पर उठे सवाल पुल का निर्माण कार्य 23 जनवरी 1987 को शुरू हुआ। 14 वर्ष बाद 26 दिसंबर 2001 को तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिह ने इसका लोकार्पण किया। कार्यदायी संस्था उप्र राज्य सेतु निगम लिमिटेड ने 2819.44 लाख रुपये की लागत से कार्य पूरा किया। पुल की लंबाई 1185 मीटर है। पुल की गुणवत्ता पर शुरू से ही सवाल उठ रहे हैं। करोड़ों रुपये खर्च कर पुल का तीन बार मरम्मत किया जा चुका है। दरार पड़ने पर 23 जुलाई 2020 से 25 जुलाई 2020 तक भारी वाहनों का आवागमन रोक दिया गया था। लखनऊ से आए इंजीनियरों की टीम ने पुल पर दरार वाले स्लैब पर स्टील का प्लेट लगा कर आवागमन शुरू कराया।

एसपी सिंह, परियोजना प्रबंधक

सेतु निगम देवरिया ने बताया कि

शासन से मरम्मत के लिए चार करोड़ रुपये मिले हैं। निविदा की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। इस बार आइआइटी मुंबई ने पुल के बेयरिग की विशेष डिजाइन तैयार की है। दो से तीन दिन में कार्य शुरू हो जाएगा।

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