सरयू की बाढ़ से बरहज में बढ़ीं दुश्वारियां

देवरिया में 48 घंटे से सरयू का जलस्तर स्थिर लोग 22 वर्ष बाद पहली बार देख रहे हैं इतनी तबाही।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Aug 2020 11:11 PM (IST) Updated:Wed, 19 Aug 2020 06:07 AM (IST)
सरयू की बाढ़ से बरहज में बढ़ीं दुश्वारियां
सरयू की बाढ़ से बरहज में बढ़ीं दुश्वारियां

देवरिया: सरयू, राप्ती नदी का जलस्तर रविवार की शाम से स्थिर है, लेकिन बाढ़ की दुश्वारियां कम नहीं हुई है। सवा माह से सरयू नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बरहज के पांच मोहल्लों में बाढ़ का पानी भर गया है। लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है।

क्षेत्र के गांव और खेतों में जल जमाव से लोग परेशान हैं। कपरवार संगम, कटइलवा तट पर कटान से बचाव के लिए रखी गई बालू की बोरिया डूब गई है। बरहज नगर का पटेल नगर, सरयू तट का मंदिर, आरएसबीटी स्कूल सहित अन्य मोहल्लों पानी भरा है। सबसे अधिक परेशानी अंतिम संस्कार करने आने वाले लोगों को हो रही है। मुक्तिधाम मार्ग पानी में डूबा है। लोगों का कहना है कि वर्ष 98 की बाढ़ के बाद इस वर्ष अधिक समय तक बाढ़ का पानी भरा है। खेतों में फसल बर्बाद हो गई है।

थानाघाट पर गेज पर सरयू नदी मंगलवार को 68 मीटर पर स्थिर रही। नदी खतरे के निशान 66.50 मीटर से डेढ़ मीटर ऊपर है। तहसील क्षेत्र में 32 गांवों की 26 हजार की आबादी और तीन हजार एकड़ फसल प्रभावित हुई है। कुबाईच टोला, नौकटोला, विशुनपुर देवार, भदिला प्रथम, केवटलिया, रगरगंज के लोगों को पीने लायक पानी नहीं मिल रहा है। नौकटोला के तारकेश्वर यादव, दीपक यादव ने बताया कि एक दर्जन घरों में पानी घुसा है। अर्से बाद इस तरह की बाढ़ आई है। फसलें खत्म हो गई है। नायब तहसीलदार जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि जलस्तर 48 घंटे से स्थिर है। अनुमान है कि जलस्तर घटेगा।

रुद्पुर संवाददाता के अनुसार राप्ती, गोर्रा के जलस्तर में लगातार कमी आने से कटान का खतरा बढ़ रहा है।

नदियों का जलस्तर

नदी खतरे का निशान जलस्तर

घाघरा- 66.50 68.00

राप्ती- 70.50 69.50

गोर्रा- 70.50 70.00

छोटी गंडक- 63.80 62.60

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