बाढ़ बचाव की परियोजना स्वीकृत,जल्द शुरू होगा कार्य
देवरिया में एक पखवारे में दस बीघा भूमि सरयू में विलीन हो गई है।
देवरिया: सरयू और राप्ती नदी के संगम तट से लेकर कटइलवा गांव तक कटान से बचाव कार्य होगा। इसके लिए 5883.26 लाख रुपये की परियोजना को केंद्रीय जल आयोग और जीएफसीसी पटना से स्वीकृति मिलने के बाद टेंडर प्रक्रिया जारी है।
कपरवार संगम तट से लेकर कटइलवा गांव तक सरयू नदी निरंतर कटान कर रही है। गांव के साथ ऐतिहासिक रामजानकी मार्ग, उग्रसेन सिंह सेतु के लिए खतरा बढ़ गया है। बाढ़ खंड ने दो वर्ष पूर्व बचाव कार्य के लिए प्रस्ताव भेजा था। जिसकी स्वीकृति मिल गई है। कपरवार संगम तट से कटइलवा तक स्लोप पिचिग, लांचिग एप्रन कार्य होगा। गांव की तरफ से पानी निकलने के लिए वेल टाइप फाल बनेगा। खेतों का पानी निकलने के लिए एक रेग्युलेटर बनेगा।
बाढ़ खंड के अभियंता नागेंद्र सिंह ने बताया कि परियोजना की स्वीकृति मिल गई है। टेंडर प्रकिया शुरू है। लॉक डाउन से थोड़ा विलंब हुआ है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होते ही बचाव कार्य शुरू हो जाएगा। नदी में विलीन हो रही खेती की जमीन
ग्राम कपरवार संगम तट से कटइलवां तक किसानों की जमीन सरयू नदी में लगातार समा रही है। बेमौसम कटान से किसान भूमिहीन हो रहे है। एक पखवारे में करीब दस बीघा खेती की भूमि सरयू नदी की धारा में समा गई है। संगम पर सरयू नदी की धारा भीषण कटान कर रही है। अशोक तिवारी,कृष्णकांत तिवारी, राजेंद्र यादव, रविद्र यादव,हरेंद्र यादव,लालपरिखा, सेतु सिंह, विजय बहादुर सिंह, गंगा यादव, की खेती की जमीन सरयू नदी में विलीन हो रही है।
संगम नोज पर बालू का खनन जेसीबी से हो रहा है। कई वर्ष से जारी खनन से सरयू की धारा की दिशा बदल गई है। जिससे कपरवार गांव की तरफ कटान हो रही है।