संसार में सभी दुखी हैं केवल सच्चे संत ही सुखी है: चतुरानंद महाराज

रामपुर कारखाना ब्लाक के नौतन में अखिल भारतीय संतमत सत्संग के 110 वें वार्षिक महाधिवेशन के तीसरे दिन सोमवार को महर्षि चतुरानंद महाराज ने कहा कि संसार में सभी दुखी हैं केवल सच्चे संत ही सुखी हैं। संत कबीर कहते हैं कि संसार के लोगों की दुर्दशा को देख कर रुलाई आ रही है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 11:18 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 11:18 PM (IST)
संसार में सभी दुखी हैं केवल सच्चे संत ही सुखी है: चतुरानंद महाराज
संसार में सभी दुखी हैं केवल सच्चे संत ही सुखी है: चतुरानंद महाराज

देवरिया: रामपुर कारखाना ब्लाक के नौतन में अखिल भारतीय संतमत सत्संग के 110 वें वार्षिक महाधिवेशन के तीसरे दिन सोमवार को महर्षि चतुरानंद महाराज ने कहा कि संसार में सभी दुखी हैं केवल सच्चे संत ही सुखी हैं। संत कबीर कहते हैं कि संसार के लोगों की दुर्दशा को देख कर रुलाई आ रही है। चलती चक्की देखकर, दिया कबीरा रोय। दो पाटन के बीच में, साबित बचा न कोय। संसार रूपी चक्की में जीव पिस रहा है। यहां कोई सुखी नही है।

उन्होंने कहा कि सृष्टिकर्ता ब्रह्मा जी, सृष्टि के पालक भगवान विष्णु और संहारक भगवान शिव भी सुखी नहीं है। वास्तविक व शाश्वत सुख उन्हीं संतों को प्राप्त है जो अपने मन को जीत लिए हैं। संत सुखी मन जीती। मन और इन्द्रियों को जीतने के लिए संतों की साधना विधि है, जो सद्गुरुओं द्वारा बताई जाती है। संसार में सगुण और निर्गुण का जो आधार स्तंभ है वहीं परमात्मा है। उनका जो आश्रय ग्रहण करता है। वह संसार के सारे दुखों से सदा के लिए छूट कर निर्बंध हो जाता है और पुन: संसार बंधन अर्थात आवागमन के चक्कर से मुक्त हो जाता है। आचार्य के संबोधन के पूर्व सत्संग सभा को स्वामी अनुभवानंद, स्वामी चेतनदेव, स्वामी दुलार बाबा, स्वामी प्रेमानंद महाराज आदि ने संबोधित किया। संचालक अवधेश कुमार विश्वास ने विभिन्न प्रवक्ताओं के नाम के साथ-साथ प्रतिपाद्य विषय से संबंधित तथ्यों व प्रवचनों का विश्लेषण किया। धर्म सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह ने सभा व आगे के कार्यक्रमों से भक्तगणों को अवगत कराया। साथ ही करमचंद शाही व सिटू शाही ने प्रधान आचार्य से दीक्षा प्राप्त किया। इस दौरान व्यवस्था प्रमुख उपेंद्र शाही, दीवान चंद शाही, आशुतोष प्रताप शाही, जितेंद्र शाही, देवेंद्र शाही, कामेश्वर शाही, मार्कंडेय शाही आदि उपस्थित रहे। निकाली गई कलश शोभायात्रा

स्थानीय कस्बे में सोमवार को वृंदावन से आए कथा व्यास श्री वेद भूषण क्षमा दास महाराज के नेतृत्व में कलश शोभा यात्रा निकाली गई। इसके बाद श्रीमद् भागवत कथा, ज्ञान यज्ञ का हुआ शुभारंभ हुआ। कस्बे के प्राचीन शिव मंदिर से गाजे-बाजे के साथ शोभा यात्रा निकाली गई। मुख्य यजमान सतीश चन्द जायसवाल व डा. मुकेश जायसवाल सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पीला वस्त्र धारण कर हाथ में कलश लेकर नगर भ्रमण करते हुए काली चरण घाट पहुंचे। आचार्य कृष्णा पांडेय के मंत्रोच्चार के बीच श्रद्धालुओं से कलश में पवित्र सरयू जल भरवा कर यज्ञ स्थान पर कलश स्थापित किया। वेद भूषण क्षमा दास महाराज ने संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ किया। इस दौरान प्रमुख रूप से अनन्त जायसवाल, राजेश्वर जायसवाल, शिवशंकर जायसवाल, शंभू जायसवाल, कमलेश कुमार, राजेश कुमार, कृष्ण मोहन निषाद, जीऊत साहनी, रोशन यादव, अखिलेश पांडेय, उमेश मिश्रा, भागीरथी सिंह आदि मौजूद रहे।

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