वर्षा जल संचयन के लिए खोदवा दिया पोखरा
जागरण संवाददाताखुखुंदू देवरिया वर्षा जल संचयन का नमूना देखना हो तो जैतपुरा आइए। जल संरक्षण्
जागरण संवाददाता,खुखुंदू , देवरिया: वर्षा जल संचयन का नमूना देखना हो तो जैतपुरा आइए। जल संरक्षण को लेकर सजग रहने वाले एक व्यक्ति ने अपने निजी प्रयास से गांव में पोखरा खोदवा दिया। पोखरे में वर्षा जल संचयन कर गांव के भू-जल स्तर को ठीक करने में कामयाब हुए। यह है कि यह पोखरा जल संचयन का नजीर बन गया है।
विकास खंड भलुअनी के जैतपुरा निवासी डा. अबुल फजल ने भीषण गर्मी व तपिश में पानी बगैर प्यासे पशु -पक्षियों को तड़पते देख परेशान रहते थे। गांव में लोगों के हैंडपंप भी सूख जाते थे। पांच वर्ष पूर्व वर्षा का जल सहेजने का बीड़ा उठाया। गांव में ही एक एकड़ निजी भूमि में दो लाख की लागत से पोखरा खोदवा कर वर्षा का जल संचित करने लगे। पोखरे में भरा पानी पशु-पक्षियों के लिए संजीवनी का काम कर रहा है। डा. अबुल का जल संरक्षण के प्रति लगाव लोगों को भी प्रेरित कर रहा है। गांव में लोग इनके कार्य की सराहना कर रहे हैं।
पोखरे से स्वजन को रोजगार भी मिल गया है। वह मछली पालन कर जहां अपनी बेरोजगारी दूर कर लिए हैं। उनके परिवार का पालन पोषण भी इससे ही हो रहा है। जल संरक्षण को लेकर डा अबुल फजल का मानना है कि पानी बचाने की शुरुआत अपने घर से ही होना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति यदि आगे आकर जल संचयन का प्रयास करे तो भूगर्भ जल स्तर भी सुधरेगा।
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- जल संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है। पानी के संकट से बचाव के लिए हर किसी को अपना योगदान देना होगा। तालाब, पोखरा, बंधों को संरक्षित कर वर्षा जल संचयन का इंतजाम करना चाहिए ।
डा. पियूष सिंह, पर्यावरणविद्
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वर्षा जल संचयन हमारी साझी जिम्मेदारी है। प्रत्येक को जल संरक्षण का अहमियत समझना होगा तथा जल संचयन की दिशा में और तेज प्रयास करने होंगे।
दामोदर कुमार, तकनीकी विशेषज्ञ