एसआइटी की जांच में आई तेजी, शिकंजे में आएंगे कई कर्मचारी

अनुदानित विद्यालयों में फर्जीवाड़ा कर शिक्षकों की नियुक्ति का मामला आरोपित बनाने में जुटी एसआइटी जल्द हो सकती है कुछ और लोगों की गिरफ्तारी

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 11:28 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 11:28 PM (IST)
एसआइटी की जांच में आई तेजी, शिकंजे में आएंगे कई कर्मचारी
एसआइटी की जांच में आई तेजी, शिकंजे में आएंगे कई कर्मचारी

जागरण संवाददाता, देवरिया : जिले के दो अनुदानित विद्यालयों में फर्जीवाड़ा का पर्दाफाश होने के बाद मामले में एसआइटी की जांच की गति अब तेज हो गई है। मंगलवार को एसआइटी में शामिल एक सिपाही बीएसए कार्यालय पहुंचा और मांगे गए कुछ कागजात को कब्जे में लेकर सीओ सिटी कार्यालय पहुंचा। सीओ सिटी ने कागजात का अवलोकन किया। एसआइटी की जांच में जैसे जैसे आगे बढ़ेगी। इससे कई कर्मचारी शिकंजे में आएंगे। जल्द ही कुछ और लोगों के गिरफ्तारी का अंदेशा है।

एसटीएफ ने लघु माध्यमिक विद्यालय मदरसन व सहदेव पूर्व माध्यमिक विद्यालय में फर्जी अनुमोदन पत्र के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति व भुगतान का 10 जुलाई को पर्दाफाश किया। पांच आरोपित जेल भेजे जा चुके हैं। मंगलवार को एसटीआइ में शामिल एक सिपाही जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचकर कागजात कब्जे में लिया। बुधवार को दोबारा कागजात के लिए एसआइटी बीएसए कार्यालय पहुंचेगी। सीओ सिटी श्रीयश त्रिपाठी ने कहा कि विवेचना चल रही है। जल्द ही अन्य आरोपितों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। सीबीआइ ने चार लोगों का दर्ज किया बयान

जागरण संवाददाता, देवरिया: जिले के चर्चित बाल गृह कांड की जांच सीबीआइ ने अब तेज कर दी है। मंगलवार को सीबीआइ ने बाल गृह से जुड़े चार लोगों से पूछताछ की और उनका बयान दर्ज किया। चार घंटे तक चली कार्रवाई के दौरान सवालों के जवाब देने में पसीना छूट गया।

स्टेशन रोड में संचालित बाल गृह कांड की जांच सीबीआइ के इंस्पेक्टर विवेक श्रीवास्तव कर रहे हैं। मंगलवार को सीबीआइ की टीम सलेमपुर के महदहां पहुंची, यहां पहले वृद्धाश्रम संचालित होता था। वहां के बारे में दुकानदारों से जानकारी ली। लगभग एक घंटे तक रहने के बाद टीम वापस हो गई और जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय पहुंच कर भी जानकारी ली। इसके बाद डाक बंगला स्थित अपने कैंप कार्यालय पर चार लोगों का बयान दर्ज किया।

अगस्त 2018 में बाल गृह कांड का पर्दाफाश किया गया था। पहले एसआइटी इसकी जांच की थी। 2019 से प्रकरण की जांच सीबीआइ कर रही है।

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