मानव कल्याण का मार्ग प्रशस्त करती है रामकथा : नरहर दास

नरहर दास ने कहा रामकथा मानव कल्याण का मार्ग प्रशस्त करती है तथा मुक्ति का रास्ता भी बताती है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 11:37 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 11:37 PM (IST)
मानव कल्याण का मार्ग प्रशस्त करती है रामकथा : नरहर दास
मानव कल्याण का मार्ग प्रशस्त करती है रामकथा : नरहर दास

जागरण संवाददाता, देवरिया : अनंत महाप्रभु के जयंती समारोह के तहत बरहज स्थित परमहंसाश्रम में सोमवार को श्रीरामकथा में नरहर दास ने कहा रामकथा मानव कल्याण का मार्ग प्रशस्त करती है तथा मुक्ति का रास्ता भी बताती है। इसके रसपान ने बुद्धि व विचार बदलते हैं। जिससे आपसी कटुता समाप्त होकर समरसता फैलती है।

कथा व्यास ने कहा कि मानव का कल्याण उसकी मानवता पर ही निर्भर होता है। पर मानवता क्या है समाज आज इससे भटक रहा है। उसे याद कराने का सफल माध्यम राम कथा ही है। इसके श्रवण मात्र से लोगों को मानवता का भान हो जाता है। सतसंग भी इसका एक सफल माध्यम है। दुराचारी व्यक्ति को सत्संग से ही अच्छा इंसान बनने का अवसर प्राप्त हो जाता है। जब भी मानव सत्संग का सहारा लिया उसमें अच्छे विचार, अच्छी सोच का समावेश होने लगा। श्रीरामचरित मानस पर कहा कि यह धार्मिक ग्रंथ के साथ-साथ एक सामाजिक ग्रंथ भी है। इसका उद्देश्य समरसता को कायम करना ही है। भगवान श्रीराम एक ऐसे समाज की स्थापना करना चाहते थे कि जिससे आपस में ऊंच-नीच और भेदभाव को खत्म किया जा सके। कथावाचक विजय लक्ष्मी ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखा है कि ''परहित सरस धर्म नहीं भाई, पर पीड़ा सम नहीं अधिमाई''। उन्होंने कहा कि सद् व्यवहार करना भी भगवान की पूजा है। धर्म को जानने वाले लोग इस संसार को परिवार मानते हैं और उनको प्रत्येक व्यक्ति में ईश्वर का अंश दिखता है। श्याम सुन्दर शरण महाराज ने कहा कि धर्मार्थी सबसे प्रेम करता है। वह किसी भी मनुष्य को पीड़ा नहीं पहुंचा सकता। जो व्यक्ति हमेशा परहित में लगे रहते है वही सच्चे धर्म के पालक होते हैं। इसलिए राम कथा के श्रवण करने मात्र से ही मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। इसके अलावा अंगद द्विवेदी व सुरेश मिश्र ने भी कथा सुनाई। इस दौरान प्रमुख रूप से डा.आरती पांडेय, डा. ओ पी शुक्ला, डा. विनय तिवारी आदि मौजूद रहे। अध्यक्षता पीठाधीश्वर आंजनेय दास ने किया।

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