चिकित्सकों की टीम ने जाना कालाजार उन्मूलन का हाल

दूसरे दिन बनकटा व भटनी ब्लाक के गांवों में पहुंचे चिकित्सक अलग-अलग टीम ने मरीजों से की बात किया जागरूक

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 11:51 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 11:51 PM (IST)
चिकित्सकों की टीम ने जाना कालाजार उन्मूलन का हाल
चिकित्सकों की टीम ने जाना कालाजार उन्मूलन का हाल

जागरण संवाददाता, देवरिया: संयुक्त निगरानी आयोग कालाजार की टीम ने दूसरे दिन बुधवार को भी जिले के कालाजार प्रभावित बनकटा और भटनी ब्लाक के गांवों में पहुंचकर कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम का हाल जाना। इस दौरान एक वर्ष के भीतर कालाजार से प्रभावित लोगों से मुलाकात कर इलाज और मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। उन्हें इलाज व सुविधाओं के बारे में जानकारी दी।

भटनी संवाददाता के अनुसार आयोग के चेयरमेन डा. सुभाष की अगुवाई में टीम सबसे पहले भटनी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची। वहां कालाजार मरीजों का विवरण प्राप्त किया। टीम भटनी ब्लाक के सवरेजी गांव पहुंची। उन्होंने स्थानीय लोगों से प्रभावित गांवों में छिड़काव के बारे में भी पूछा। लोगों ने पहले और दूसरे चरण के छिड़काव के बारे में बताया। इसके बाद टीम बनकटा ब्लाक के कालाजार प्रभावित गांव जगदीशपुर और करसड़वा बुजुर्ग पहुंची। बंगरा बाजार संवाददाता के अनुसार वहां ग्राम प्रधान और आशा कार्यकर्ताओं से कालाजार इलाज और जागरूकता के बारे में जानकारी ली। लोगों को जागरूक भी किया। टीम में डा. रजत राना, डा. नियामत अली सिद्दीकी, डा. हरिश्चंद्र श्रीवास्तव, राज्य कार्यक्रम अधिकारी कालाजार डा. बिदू प्रकाश सिंह, डब्लूएचओ के राज्य प्रभारी कालाजार डा. तनुज शर्मा, डब्लूएचओ के जोनल कोआर्डिनेटर डा. सागर घोड़ेकर, पाथ के स्टेट लीडर कालाजार डा. अर्पित पटनायक, पाथ के डीटीओ डा. पंकज कुमार मौजूद रहे। उनके साथ एसीएमओ वेक्टर बार्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम डा. सुरेन्द्र सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी आरएस यादव और सहायक जिला मलेरिया अधिकारी सुधाकर मणि मौजूद रहे।

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कालाजार एक वेक्टर जनित रोग: डा. सागर

डब्ल्यूएचओ के जोनल कोआर्डिनेटर डा. सागर घोड़ेकर ने बताया कि कालाजार एक वेक्टर जनित रोग है। यह बालू मक्खी के माध्यम से फैलता है। बालू मक्खी कम रोशनी वाले नम स्थानों पर पाई जाती हैं। मिट्टी की दीवार, चूहों के बिल, जानवर वध स्थल और नम मिट्टी वाले स्थानों पर मिलती हैं। प्रभावित जिलों में किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से ज्यादा बुखार व मलेरिया या अन्य उपचार से ठीक न हो तो उसे कालाजार हो सकता है। शासन के निर्देश पर आशा कार्यकर्ता प्रतिदिन 50 से 100 घरों का भ्रमण कर मरीजों को खोजने का काम कर रही हैं। बीमारी का लक्षण दिखते ही तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करना चाहिए।

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