संत श्री सियाराम जू को संगम तट पर दी गई जलसमाधि

सैकड़ों वाहनों के साथ श्रद्धालु श्री सियाराम जू के जयघोष के साथ संगम तट पहुंचे

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 11:33 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 11:33 PM (IST)
संत श्री सियाराम जू को संगम तट पर दी गई जलसमाधि
संत श्री सियाराम जू को संगम तट पर दी गई जलसमाधि

जागरण संवाददाता, बरहज: क्षेत्र के अजयपुरा मरवट के रहने वाले श्रीश्री 1008 वेग मणि उर्फ श्री सियाराम जू महाराज का गुरुवार की सुबह निर्माणाधीन मंदिर पर निधन हो गया। वे काफी दिनों से बीमार थे। उनके निधन की खबर मिलते ही क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। कपरवार के कोलखास संगम तट पर सरयू नदी में जलसमाधि दी गई।

अंतिम यात्रा मरवट, अजयपुरा, खिरिया, देवपार, बांराव, महेन, कपरवार होते हुए रीयाराम जू महाराज के जयकारे के साथ कपरवार के संगम तट पहुंची। जगह -जगह खड़ा रहकर लोगों ने संत जू महाराज का अंतिम दर्शन किया।

जगेश शिष्य, श्याम बिहारी, रामा संत, गोपाल दास, छोटे लाल, धर्मदास, परमात्मा दास, बेचू यादव, प्रमोद यादव, विनोद यादव, गिरेंद्र प्रताप यादव आदि मौजूद रहे।

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सनातन धर्म का प्रचार करते रहे सियाराम जू

पकड़ीबाजार : क्षेत्र के अजयपुरा मरवट के रहने वाले श्री श्री 1008 वेग मणि उर्फ श्री सियाराम जू महाराज जीवन भर मंदिर बनवाकर सनातन धर्म का प्रचार करते रहे। वेग मणि उर्फ श्री सियाराम जू जन्म 1948 अजयपुरा मरवट में हुआ था। इनकी शादी पानमति देवी बैरिया गांव गोरखपुर से हुई थी। चार भाइयों में सबसे बड़े थे । शादी के कुछ वर्ष बाद घर छोड़ दिया। जहां जाते वहां मंदिर बनवाना व मंदिर का कायाकल्प कराना तथा धर्म के प्रचार-प्रसार करना मिशन बन गया था।

बाबा महेन्द्रा नाथ महेन अपने ससुराल बैरिया में एक मंदिर गड़ौना बेलडाढ़, अजयपुरा मरवट सहित आधा दर्जन से अधिक मंदिरों का निर्माण और उनका जीर्णोद्धार भी कराया। सियाराम जू शिक्षण संस्थान बहसुआ बैरिया गोपवापार गोरखपुर सहित आधा दर्जन स्थानों पर शिक्षण संस्थान की भी स्थापना की।

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