अमर बलिदानियों की भावनाओं को आत्मसात करने की जरूरत

लोगों के साथ डीएम व एसपी ने ग्राम पैना के शहीद स्मारक पर अर्पित की श्रद्धासुमन पैना के बलिदानियों की वीरगाथा सभी को जानना जरूरी

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 11:50 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 11:50 PM (IST)
अमर बलिदानियों की भावनाओं को आत्मसात करने की जरूरत
अमर बलिदानियों की भावनाओं को आत्मसात करने की जरूरत

जागरण संवाददाता, बरहज : तहसील क्षेत्र के पैना गांव में स्थित शहीद स्मारक पर शनिवार को अमर बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस दौरान 31 जुलाई 1857 को अंग्रेज सैनिकों के हमले में बलिदान हुए रणबांकुरों को याद किया गया। डीएम आशुतोष निरंजन ने कहा कि आज का दिन अमर शहीदों को स्मरण करने का दिन है। उनके त्याग व संघर्षों को याद करें और उनकी भावनाओं को आत्मसात करें।

डीएम व पुलिस अधीक्षक डा. श्रीपति मिश्र ने सरयू तट पर जल जौहर करने वाली वीरांगनाओं को पुष्प अर्पित कर याद किया। डीएम ने कहा कि देश की आजादी में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर बलिदानियों व वीरांगनाओं की संघर्ष गाथा हम सभी के लिए प्रेरणादायी है। ऐसे संघर्षों, त्यागों के बलबूते ही आजादी मिली है। हम सभी को अमर बलिदानियों के आदर्शों से सीख लेनी चाहिए।

पुलिस अधीक्षक ने कहा कि आज के ही दिन 1857 में महिलाओं ने जल जौहर किया था। राजस्थान का जौहर व्रत पूरा भारत जानता है। पैना की महिलाओं एवं बच्चों व यहां के अमर शहीद के त्याग, बलिदान की भी लोगों को जानकारी होनी चाहिए। डा.डीके सिंह, डा. वृजेश कुमार सिंह, हरी प्रसाद सिंह, अंतरराष्ट्रीय पहलवान केशव सिंह ने 31 जुलाई 1857 को गांव के अमर बलिदानियों के संघर्षों, वीर गाथाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। ब्रिटिश हुकूमत के विरुद्ध विद्रोह को कुशल नेतृत्व देने वाले बलिदानी ठाकुर सिंह के नाम स्मृति द्वार, शहीद स्थल को विकसित किए जाने, स्नान घाट बनाए जाने की मांग रखी। अतिथियों का वीके सिंह ने स्वागत किया। संचालन पंकज शुक्ल ने किया। पूर्व विधायक स्वामीनाथ, एसडीएम बरहज संजीव यादव, क्षेत्राधिकारी देव आनंद, खंड विकास अधिकारी आलोक दत्त उपाध्याय, आश्रम पीठाधीश्वर आन्जनेय दास, घनश्याम सिंह, अशोक सिंह, ग्राम प्रधान रवि प्रताप सिंह, सावित्री राय मौजूद रहीं।

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