पिड़राघाट के समीप गोर्रा का कटान तेज, दहशत में ग्रामीण
जलस्तर कम होने से कटान का खतरा बढ़ता जा रहा बोल्डर पिचिग न होने से पुल के दोनों तरफ काफी हिस्सा नदी में विलीन
जागरण संवाददाता,रुद्रपुर, देवरिया : राप्ती और गोर्रा का जलस्तर उच्चतम स्तर तक पहुंचने के बाद धीरे-धीरे नीचे उतर रहा है। नदियां अब खतरे के निशान से मात्र कुछ सेमी दूर रह गई है। रोजाना 24 घंटे में 15 से 20 सेमी कम हो रहा है। जिससे लोगों ने राहत की सांस ली है। जलस्तर कम होने से कटान का खतरा बढ़ता जा रहा है। गोर्रा पिड़राघाट पुल के दोनों तरफ कटान कर रही है। बोल्डर पिचिग न होने से पुल के दोनों तरफ काफी हिस्सा नदी पहले ही काट चुकी है।
रविवार की शाम राप्ती गेज प्वाइंट भेड़ी पर 71.10 मीटर और गोर्रा गेज प्वाइंट पिड़राघाट पुल पर 71.30 मीटर पर बह रही थी। जलस्तर कम होने के बावजूद राप्ती खतरे के निशान से 60 सेमी और गोर्रा 80 सेमी ऊपर बह रही थी। कटान से प्रभावित तिघरा-मराक्षी ,पिड़रा-भुसउल, पिड़राघाट, पिड़री, नीबा, बेलुआरघाट, नगवां खास, भेड़ी आदि गांव शामिल हैं।
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सरयू खतरे के निशान से 1.05 मीटर ऊपर स्थिर
बरहज: सरयू नदी का जलस्तर स्थिर है। 24 घंटे में जलस्तर में वृद्धि नहीं हुई है। जलस्तर बढ़ने से बाढ़ को लेकर लोगों की चिता बढ़ गई थी। नदी अभी भी खतरे के निशान से 1.05 मीटर ऊपर स्थिर है।
रविवार को सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान 66.50 मीटर से ऊपर 67.55 मीटर पर स्थिर है। गत 24 घंटे में सरयू नदी के जलस्तर में वृद्धि नहीं हुई है। नदी खतरे के निशान से 1.05 मीटर ऊपर है। कपरवार में राप्ती नदी का जलस्तर घट रहा है। संगम तट पर सरयू नदी की तेज धारा टकरा रहा है। जिससे कटान हो रहा है। संगम से परसिया कुरह के मध्य जिस स्थान पर बचाव कार्य नहीं हुए है वहां कटान हो रहा है। भदिला प्रथम गांव पानी से घिरा है।