जैमर लगाने में तीन करोड़ खर्च,मोबाइल नेटवर्क रोकने में नाकाम
जिला जेल में लगे जैमर की क्षमता टूजी होने से बेकार साबित हो रहा
जागरण संवाददाता, देवरिया:
जिला कारागार में बंदियों के मोबाइल नेटवर्क रोकने के लिए जेल प्रशासन ने तीन करोड़ रुपये खर्च कर मोबाइल जैमर लगाया है। क्षमता कम होने से वह केवल शो-पीस बनकर रह गया है। जेल प्रशासन क्षमता वृद्धि के लिए उच्चाधिकारियों के पास पत्राचार कर रहा है। अभी तक जैमर की क्षमता नहीं बढ़ाई जा सकी।
बाहुबली अतीक अहमद के जिला कारागार में 2017 में शिफ्ट होने के बाद जेल में मोबाइल नेटवर्क रोकने के लिए जेल प्रशासन की पहल पर तीन करोड़ रुपये की लागत से छह जैमर लगाए गए। इसके बाद भी जेल कैंपस व जेल की बैरक में मोबाइल नेटवर्क कार्य करता है। इंजीनियरों की टीम ने इसकी जांच की। जांच में पाया गया कि जो मोबाइल जैमर लगाया गया है, उसकी क्षमता केवल टूजी नेटवर्क रोकने की है। जबकि जिले में फोर-जी नेटवर्क मोबाइल कंपनियां संचालित कर रही है। जांच में चूक या खेल, कैसे पहुंच रहे जेल में मोबाइल
जिला कारागार में आए दिन मोबाइल के पहुंचने व बदमाशों के बातचीत करने का मामला सामने आ रहा है। आखिरकार जेल गेट समेत दो जगहों पर बंदियों के सामान के साथ ही बंदियों की जांच हो रही है। इसके बावजूद कैसे मोबाइल अंदर जा रहा है। यह एक बड़ा सवाल है। जांच के दौरान चूक या खेल? गैंगस्टर के मोबाइल से ही बनाई गई है वीडियो
जेल में बंद हत्यारोपित रतन ने जेल के भीतर का जो वीडियो वायरल किया है, वह वीडियो गैंगस्टर के पास से बरामद मोबाइल से बनाया गया है। इसकी पुष्टि जेल के अधिकारी कर रहे हैं। पुलिस आइएमआइ नंबर के जरिये संबंधित मोबाइल नंबर का पता करेगी। गैर जेल भेजे जा सकते हैं पांच बंदी
हत्यारोपित रतन यादव, गैंगस्टर शिट्टू समेत पांच बंदियों को जेल प्रशासन ने अब चिह्नित कर लिया है। जेल की छवि खराब करने व लोगों को जेल से ही धमकी देने की बात सामने आने के बाद जेल प्रशासन दोनों अपराधियों को दूसरे जनपद के जेल में भेजने की तैयारी में है।