डाक्टर व पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी दूर करने में जुटा महकमा
कोरोना संक्रमितों के इलाज में जुटे डाक्टर पाजिटिव हुए तो उनका विकल्प नहीं मिला।
देवरिया: कोरोना संक्रमण की पहली व दूसरी लहर के दौरान डाक्टर, स्टाफ नर्स व पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी का भी दंश लोगों को झेलना पड़ा। कोरोना संक्रमितों के इलाज में जुटे डाक्टर पाजिटिव हुए तो उनका विकल्प नहीं मिला। नतीजतन मरीजों को रेफर करना पड़ा। चेस्ट रोग विशेषज्ञों की कमी खली और उसका खामियाजा तमाम कोरोना संक्रमितों को भुगतना पड़ा। तैयारी में जुटा स्वास्थ्य विभाग इस बार डाक्टर, पैरा मेडिकल स्टाफ को तैनात करने में जुटा है।
जिले में अस्पतालों में बच्चों के इलाज के लिए व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं। जिले की कुल आबादी तकरीबन 35 लाख है। जिले में 19 शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञों की तैनाती है। दो चेस्ट फिजिशियन, तीन जनरल फिजिशियन हैं। इनकी संख्या बढ़ाने के लिए विभाग ने शासन को पत्र लिखा है।
जिले में कुल 16 सीएचसी, 15 पीएचसी व 68 न्यू पीएचसी हैं। यहां पर्याप्त एनएम व एनएम की तैनाती है। पैरा मेडिकल स्टाफ व सफाईकर्मियों की कमी दूर करने में विभाग लगा है। कोरोना संक्रमण के समय वार्डों की सफाई के लिए कर्मचारी नहीं मिल रहे थे।
सीएमओ डा. आलोक पांडेय ने बताया कि जिले में तीसरी लहर की आशंका से निपटने के लिए तैयारी लगभग पूरी है। जिले में 19 शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ हैं। इसके अलावा दो चेस्ट रोग विशेषज्ञ व तीन जनरल फिजिशियन हैं। डाक्टरों की कमी दूर करने के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। तैयारियों के क्रम में जहां भी कमियां मिल रही हैं, उसे दुरुस्त किया जा रहा है।