देवरिया में ट्रेन रोकने जा रहे भाकियू जिलाध्यक्ष, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष समेत 60 गिरफ्तार, रिहा
टाउन हाल परिसर में भाकियू जिलाध्यक्ष राघवेंद्र शाही की अगुवाई में किसान नेता एकत्रित हुए। इसके बाद किसान नेता प्रदर्शन करते हुए सुभाष चौक पहुंचे जहां पुलिस उन्हें रोकने का प्रयास की हालांकि पुलिस उन्हें रोकने में सफल नहीं हो सकी। किसान नेता प्रदर्शन करते हुए सदर रेलवे स्टेशन गेट पर पहुंच गए और ट्रेन रोकने के लिए आगे बढ़ने लगे। जिसके बाद सीओ श्रीयश त्रिपाठी के नेतृत्व में पुलिस व पीएसी के जवानों ने सख्ती दिखाते हुए गेट पर रोक लिया।
देवरिया: लखीमपुर की घटना को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वावधान में सोमवार को किसान नेताओं ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी की मांग को लेकर शहर में सड़क पर उतर गए। प्रदर्शन करने के साथ ही सदर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रोकने जा रहे किसान नेताओं को पुलिस ने स्टेशन गेट पर रोक लिया और पुलिस से किसान नेताओं की बहस हुई। पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए भाकियू जिलाध्यक्ष समेत 60 किसान नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि दोपहर बाद उन्हें पुलिस लाइन से निजी मुचलका पर रिहा कर दिया गया।
टाउन हाल परिसर में भाकियू जिलाध्यक्ष राघवेंद्र शाही की अगुवाई में किसान नेता एकत्रित हुए। इसके बाद किसान नेता प्रदर्शन करते हुए सुभाष चौक पहुंचे, जहां पुलिस उन्हें रोकने का प्रयास की, हालांकि पुलिस उन्हें रोकने में सफल नहीं हो सकी। किसान नेता प्रदर्शन करते हुए सदर रेलवे स्टेशन गेट पर पहुंच गए और ट्रेन रोकने के लिए आगे बढ़ने लगे। जिसके बाद सीओ श्रीयश त्रिपाठी के नेतृत्व में पुलिस व पीएसी के जवानों ने सख्ती दिखाते हुए गेट पर रोक लिया। इसके बाद पुलिस ने भाकियू जिलाध्यक्ष के अलावा जिला पंचायत की पूर्व अध्यक्ष डा.कृष्णा जायसवाल, राणा सिंह, डा.चतुरानन ओझा, साधू शरण, चंद्रदेव सिंह, सुदर्शन सिंह, शिवचंद यादव, सदानंद यादव, लल्लन, रमाशंकर गुप्त, सखींचद्र समेत अन्य किसान नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। भाकियू जिलाध्यक्ष ने कहा कि सरकार तानाशाही रवैया अपनाए हुए हैं। तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए आंदोलन चल रहा है। लखीमपुर खीरी में किसानों को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे ने रौंद दिया। अभी तक केंद्रीय गृह राज्यमंत्री की बर्खास्तगी नहीं की गई और न ही साजिश के आरोपित केंद्रीय गृह राज्यमंत्री की गिरफ्तारी हुई है। गन्ना मूल्य का भुगतान तक नहीं किया गया है, जिसके चलते किसान परेशान हैं।
पुलिस छावनी में तब्दील रहा रेलवे स्टेशन किसानों के आंदोलन को लेकर प्रशासन सुबह से ही अलर्ट हो गया था। शहर कोतवाल के साथ ही रेलवे स्टेशन गेट पर कोतवाली पुलिस के अलावा पीएसी, जीआरपी व आरपीएफ के जवान तैनात हो गए थे। पूरा रेलवे स्टेशन पुलिस छावनी में तब्दील रहा।