अभिलेख ठीक करने में जुटे कर्मचारी

नगर पंचायत मझौलीराज में सरकारी धन के गबन सड़क निर्माण में अनियमितता गलत तरीके से पेट्रोल-डीजल की खपत निकाय में कराये गए कार्यों में फर्जी खर्च आदि के आरोप के मामले में नगर पंचायत मझौलीराज के चेयरमैन गौरीशंकर गुप्ता पर कोतवाली में मुकदमा दर्ज होने के बाद नगर पंचायत में खलबली मची है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 09:46 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 09:46 PM (IST)
अभिलेख ठीक करने में जुटे कर्मचारी
अभिलेख ठीक करने में जुटे कर्मचारी

देवरिया: नगर पंचायत मझौलीराज में सरकारी धन के गबन, सड़क निर्माण में अनियमितता, गलत तरीके से पेट्रोल-डीजल की खपत, निकाय में कराये गए कार्यों में फर्जी खर्च आदि के आरोप के मामले में नगर पंचायत मझौलीराज के चेयरमैन गौरीशंकर गुप्ता पर कोतवाली में मुकदमा दर्ज होने के बाद नगर पंचायत में खलबली मची है।

अभिलेखों को ठीक करने के लिए प्राइवेट कर्मचारियों व रिटायर कर्मचारियों को लगाया गया है। वैसे नगर पंचायत मझौलीराज में एक भी बाबू की तैनाती न होने से सारी व्यवस्था प्राइवेट कर्मचारियों को सौंपी गई है। इसको लेकर सवाल खड़ा होने लगा है। ईओ पंकज कुमार का कहना है कि मेरे तरफ से कोई गलती नहीं की गई है। लिपिक की कमी के चलते रिटायर लिपिक से कार्य लिया जा रहा है। उधर सलेमपुर के पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष सुधाकर गुप्ता ने अपने इंटरनेट मीडिया पर टिप्पणी की है कि जो भी धन आहरित होता है वह नगर पंचायत अध्यक्ष व ईओ के संयुक्त हस्ताक्षर से ही आहरित होता है। इसमें ईओ की भूमिका अधिक होती है। शासन ने एक तरफा कार्रवाई की गई है। इस पहलू पर जांच की जानी चाहिए। सीएमओ से की डाक्टरों की मनमानी की शिकायत

सीएचसी सलेमपुर में चिकित्सकों की मनमानी की शिकायत लेकर गुरुवार को भाजपा नेता सीएमओ से मिले। उन्होंने इस संबंध में सीएमओ को ज्ञापन भी सौंपा। सीएमओ ने इसकी जांच एसीएमओ डा. राजेन्द्र प्रसाद को सौंपी है। वह दो दिन के अंदर जांच कर अपनी रिपोर्ट सौपेंगे। शिकायत लेकर पहुंचे पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य त्रिपुणायक विश्वकर्मा, अजय उपाध्याय, कन्हैया जायसवाल, त्रिवेणी गुप्ता, अंगद विश्वकर्मा, आमिर, सोनू यादव, जामवंत ने कहा कि सीएचसी सलेमपुर में डाक्टरों के नहीं बैठने से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। डाक्टरों की मनमानी चरम पर है। इंजेक्शन व दवाएं बहार से मरीजों को खरीद कर ले आनी पड़ रही है। मरीजों को प्राइवेट में इलाज की मजबूरी है।

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