अधिवक्ता के साथ कोतवाली परिसर में नहीं हुई थी मारपीट

जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन व एसपी डा.श्रीपति मिश्र ने कहा कि उमानगर के रहने वाले दीवानी न्यायालय के अधिवक्ता विष्णु कुमार जायसवाल की पिटाई कोतवाली परिसर में नहीं हुई है। सीसीटीवी कैमरे व काल डिटेल से इसकी पुष्टि हुई है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 09:38 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 09:38 PM (IST)
अधिवक्ता के साथ कोतवाली परिसर में नहीं हुई थी मारपीट
अधिवक्ता के साथ कोतवाली परिसर में नहीं हुई थी मारपीट

देवरिया: जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन व एसपी डा.श्रीपति मिश्र ने कहा कि उमानगर के रहने वाले दीवानी न्यायालय के अधिवक्ता विष्णु कुमार जायसवाल की पिटाई कोतवाली परिसर में नहीं हुई है। सीसीटीवी कैमरे व काल डिटेल से इसकी पुष्टि हुई है। डीएम व एसपी ने शनिवार को पुलिस लाइंस स्थित प्रेक्षागृह में आयोजित प्रेसवार्ता में यह जानकारी दी।

दोनों अधिकारियों ने कहा कि अधिवक्ता ने एक दिसंबर की शाम 6.30 बजे एसडीएम सौरभ सिंह के निर्देश पर प्रभारी निरीक्षक अनुज सिंह पर घर से उठाकर कोतवाली ले जाकर अभद्रता करने व दोबारा रात 9.30 बजे कोतवाली ले जाकर पिटाई करने का आरोप लगाया था, जो सही नहीं मिला। सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि पुलिस की गाड़ी एक बार रात में करीब 8.25 बजे कोतवाली परिसर में गई, जिसमें कुछ सिपाही उतरे। उसके बाद गाड़ी परिसर से बाहर चली गई। शाम छह बजे से रात 10 बजे के बीच अधिवक्ता का कोतवाली परिसर में प्रवेश नहीं हुआ। मोबाइल काल डिटेल से पता चला है कि एक दिसंबर की रात 9.26 बजे से दो दिसंबर की सुबह 7.47 बजे तक अधिवक्ता अपने आवास पर सुरक्षित थे। इस बीच 12 लोगों से उनकी बातचीत हुई है। जिसमें पांच लोगों से लंबी वार्ता की पुष्टि हुई। डीएम ने कहा कि जांच टीम में एडीएम वित्त एवं राजस्व नागेंद्र कुमार सिंह, एएसपी डा.राजेश सोनकर व एसडीएम गजेंद्र कुमार शामिल थे। प्रेसवार्ता में जांच टीम में शामिल एडीएम वित्त एवं राजस्व नागेंद्र कुमार सिंह व डा.राजेश सोनकर, एडीएम प्रशासन कुंवर पंकज, सीओ डा.श्रीयश त्रिपाठी मौजूद रहे। अधिवक्ता ने नहीं रखा पक्ष

डीएम ने बताया कि अधिवक्ता विष्णु जायसवाल को एडीएम प्रशासन के कार्यालय में शनिवार को दो बजे पक्ष रखने के लिए बुलाया गया था। ताकि चोट के बारे में वह जानकारी दे सकें, लेकिन वह नहीं आए। अनुमान लगाया जा रहा है कि राजकीय भूमि पर अवैध रूप से काबिज होने के कारण बलपूर्वक खाली कराने से आरोप लगा रहे हैं। उस भूमि पर शहीद रामचंद्र विद्यार्थी की स्मृति में स्वीकृति संग्रहालय का निर्माण होना है। जिसे कैबिनेट ने पास किया है।

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