मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में 700 जोड़ों का होगा विवाह

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत जिले में 700 जोड़ों की शादी कराई जाएगी। नवंबर माह के अंतिम पखवारा व दिसंबर माह के प्रथम सप्ताह में शादी समारोह का आयोजन किया जाएगा। जल्द ही तिथि निर्धारित की जाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 22 Nov 2021 11:12 PM (IST) Updated:Mon, 22 Nov 2021 11:12 PM (IST)
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में 700 जोड़ों का होगा विवाह
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में 700 जोड़ों का होगा विवाह

देवरिया: मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत जिले में 700 जोड़ों की शादी कराई जाएगी। नवंबर माह के अंतिम पखवारा व दिसंबर माह के प्रथम सप्ताह में शादी समारोह का आयोजन किया जाएगा। जल्द ही तिथि निर्धारित की जाएगी।

समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत जिले में 700 शादियां कराने का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। उस योजना का लाभ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग एवं सामान्य वर्ग के उन गरीब व्यक्तियों को मिलेगा, जिनकी वार्षिक आयु दो लाख हो। उनकी ही पुत्रियों की शादी इस योजना के तहत कराई जाएगी। प्रत्येक जोड़े पर 51 हजार रुपये व्यय किया जाएगा। कन्या के खाते में 35 हजार, 10 हजार कन्या की गृहस्थी के सामान, 6 हजार रुपये भोजन समेत अन्य पर व्यय किया जाएगा। जिला समाज कल्याण अधिकारी जैसवार लाल बहादुर ने कहा कि 25 नवंबर से पांच दिसंबर के बीच समारोह आयोजित किया जाएगा। आवेदन के लिए दो-दो रंगीन पासपोर्ट साइज के फोटो, युवक व युवती के आधार कार्ड की फोटो कापी, लड़की के बैंक पासबुक की फोटो कापी, आय-जाति प्रमाण पत्र, मतदाता पहचान पत्र भी फोटो काफी कराकर देना होगा। न्यायाधीशों ने बाल गृह में जाकर बच्चों का जाना हाल

जनपद न्यायालय के न्यायाधीशों ने सोमवार को राजकीय बाल गृह बालक व पाथ वात्सल्य खुला आश्रय गृह का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने बच्चों के पुनर्वास संबंधी जानकारी ली। साथ ही व्यवस्था को बेहतर करने का निर्देश दिया। न्यायाधीशों ने राजकीय बाल गृह बालक व पाथ वात्सल्य खुला आश्रय गृह में बच्चों के खान-पान, रहन-सहन व साफ-सफाई का हाल जाना। अपर जनपद न्यायाधीश रजनीश कुमार ने राजकीय बाल गृह में रहने वाले एक बालक को उसके गृह जनपद गोरखपुर में पुनर्वास के लिए जिला परिवीक्षा अधिकारी को निर्देश दिया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सूर्यकांत धर दूबे ने बच्चों के सोने के स्थान को देखा। भोजन के लिए खाद्य सूची का निरीक्षण करते हुए पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव न्यायाधीश आरिफ निसामुद्दीन खान ने बच्चों की समस्याओं को सुना और अधिकारियों को समाधान का निर्देश दिया। सिविल जज जूनियर डिवीजन स्वर्णमाला सिंह ने ताजे फल खिलाने, बच्चों को साफ-सुथरे कपड़े उपलब्ध कराने व साफ-सफाई के लिए निर्देश दिए। इस मौके पर जिला परिवीक्षा अधिकारी अनिल कुमार सोनकर, बाल कल्याण अधिकारी जयप्रकाश तिवारी आदि मौजूद रहे।

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