क्या क्या संजोए थे सपने काल के क्रूर पंजों में सब गए मिट
संवाद सहयोगी मऊ (चित्रकूट) अजय सिंह ने अपने छोटे से परिवार को लेकर बहुत से सपने बुने थ
संवाद सहयोगी, मऊ (चित्रकूट) : अजय सिंह ने अपने छोटे से परिवार को लेकर बहुत से सपने बुने थे लेकिन काल के क्रूर पंजों में सब मिट गए। उसने सोचा भी नहीं था कि पत्नी और बच्चे एक साथ उसको छोड़ कर चले जाएंगे।
करही में रहने वाले अजय सिंह पुत्र अल्प नारायण के ऊपर आफत का पहाड़ टूट पड़ा। उनका छोटा सा परिवार था पुत्र ऋषि कुमार व पुत्री रिया उर्फ शांती और पत्नी यशोदा देवी थी। कच्चे घर की रसोई में यशोदा दोनों बच्चे के साथ घटना के समय मौजूद थी अजय सिंह घर से बाहर गांव में थे। बच्चों को रोटी निकालते समय अचानक कच्चे घर की दीवार गिर गई। अजय सिंह कहते हैं कि आठ वर्ष पूर्व कैंसर से पीड़ित होने के कारण पिता की मौत हो गई थी। मां के साथ वह छोटा परिवार लेकर रहता था। अब मां रन्नो देवी भर बची है। ईश्वर के विधान को जाना नहीं जाता देखते ही देखते कुछ पलों में पूरा परिवार तहस-नहस हो गया है। पत्नी और बच्चों ने घर सूना कर दिया। मां और बेटे के विलाप से सभी की आंखें गीली हो गई और प्रकृति के इस क्रूर प्रहार से सभी सिहरे तथा सहमे हुए दिखे।
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याद आया चार दिन पहले का मंजर
मऊ थाना के बौसड़ा में चार दिन पहले तालाब में डूबकर चार बालिकाओं की मौत हो गई थी। उस समय पूरा बौसड़ा रोया था और जो घटना स्थल पहुंचा था उसकी भी आंखें भी लोगों को विलाप देख नम हो गई थी। ऐसे ही स्थित आज भी रही। करही में मातम छाया रहा। घरों में शाम को चूल्हे नहीं जले। एक दिन पहले मऊ के ही चंदई में एक मासूम की दीवार के मलबा में दबकर मौत हो गई थी। चार दिन में मऊ थाना क्षेत्र में दैवीय आपदा में आठ लोगों की जान जा चुकी है।