मास्टर माइंड था बच्चों का ट्यूशन टीचर, सहयोगी ग्रामोदय के छात्र
जागरण संवाददाता चित्रकूट जुड़वा भाइयों के अपहरण का मास्टर माइंड उनका ही ट्यूशन टीचर थ
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : जुड़वा भाइयों के अपहरण का मास्टर माइंड उनका ही ट्यूशन टीचर था। उसने पकड़े जाने के बाद जेल के अंदर ही फंदा लगाकर जान दे दी थी। भविष्य के सपने पूरे करने और कम समय में अधिक रुपये कमाने के लालच में महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के पांच छात्र उसके सहयोगी बन गए थे।
सेंट्रल जेल में खुदकुशी करने वाला मूलरूप से बांदा निवासी रामकेश यादव जुड़वा भाइयों ट्यूशन पढ़ाता था। वह भी ग्रामोदय विवि का पूर्व छात्र था। उसने ही वारदात की साजिश रची थी। वह तेल कारोबारी के यहां उसके कारोबार में भी मदद करता था। इसी दौरान उनकी हैसियत देखकर उसकी नीयत डोल गई थी। मुख्य आरोपित पदमकांत शुक्ला ने भी ग्रामोदय विवि से पढ़ाई की है। वहीं घटना में नेतृत्व कर रहा था। उसके राजनीतिक दलों से भी जुड़ाव थे। उसके पिता रामकरण सद्गुरु ट्रस्ट के पुरोहित हैं। राजू द्विवेदी, पिंटू यादव, ग्रामोदय के एग्रीकल्चर के प्रथम वर्ष के छात्र थे। आलोक उर्फ लक्की सिंह तोमर भी वहीं अध्ययनरत था। तीन एक्ट और 15 धाराओं में लिखी गई थी रिपोर्ट
नयागांव थाने में पांचों आरोपितों पदमकांत, राजू, आलोक, विक्रमजीत व अपूर्व के खिलाफ आइपीसी की धाराओं 341, 364, 364 ए, 344, 347, 328, 368, 302, 201, 102, 120 बी, 25-27 आर्म्स एक्ट और 11-13 एडी एक्ट के तहत रिपोर्ट लिखी गई थी। इन्हीं को लेकर साक्ष्य जुटाए गए और सजा मिली। मास्टर माइंड ने 2019 में की थी खुदकुशी
अपहरण-हत्याकांड के मास्टर माइंड रामकेश यादव ने गिरफ्तारी के तीन माह बाद ही सेंट्रल जेल सतना में सात मई 2019 को खुदकुशी कर ली थी। वह चित्रकूट के नयागांव में अक्षय वट के पास रहता था। उसी ने एक करोड़ फिरौती के लिए अपहरण की साजिश रची थी। कुछ यूं रहा वारदात से सजा तक का घटनाक्रम
अपहरण हुआ : 12 फरवरी 2019 को दोपहर 12:40 बजे।
शव बरामदगी : 24 फरवरी 2019 बांदा में यमुना नदी के औगासी घाट
अभियुक्तों की गिरफ्तारी हुई : 24 फरवरी 2019
पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की : 29 अप्रैल 2019
मामले में अदालत ने फैसला सुनाया : 26 जुलाई 2021