नाक व मुंह में सशक्त पहरेदार खड़ाकर करें अपना बचाव
जागरण संवाददाता चित्रकूट महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में कोविड -19 का आयुव
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में कोविड -19 का आयुर्वेदिक समाधान विषय पर आयोजित वर्चुअल संगोष्ठी में सर गंगाराम अस्पताल नई दिल्ली के वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. परमेश्वर अरोरा ने ट्रिपल मास्क पहनने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि नाक और मुंह में सशक्त पहरेदार खड़ा कर हम कोरोना संक्रमण से अपना बचाव कर सकते है।
उन्होंने आंतरिक और वाह्य मास्क को लगाने की प्रक्रिया के व्यवहारिक ढंग को समझाते हुए बताया कि सरसों के तेल अथवा गाय के घी की दो - दो बूंद नाक और मुंह में डालकर अपनी दिनचर्या प्रारंभ करनी चाहिए। इसे दिन में तीन बार अपना कर वास्तविक मास्क की एक घरेलू लेयर मानना चाहिए। घर से बाहर निकलने पर एन 95 मास्क दूसरी लेयर के रूप में और उसके ऊपर सर्जिकल मास्क को तीसरी लेयर के रूप मे पहनना चाहिए। घर लौटकर सबसे पहले तीसरी लेयर के रूप में पहनी गई सर्जिकल मास्क को हटाकर डस्टविन में घर के बाहर डाल देना चाहिए। एन 95 मास्क को 48 घंटे के लिये टांग देना चाहिए।
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दो बार लें भाप व गरारा करें
डॉ. अरोड़ा ने कोरोना संक्रमण काल में अपनाई जाने वाली दिनचर्या पर चर्चा करते हुए बताया कि नित्य दो बार पानी की भाप लेना चाहिए और दो बार एक गिलास गरम पानी में एक चुटकी हल्दी और एक चुटकी सेंधा नमक से गरारा करना चाहिए। दो काली मिर्च और दो लौंग दिन में तीन से चार बार चूसना चाहिए। कोरोना संक्रमण होने पर शुरू में स्टीरॉयड का सेवन कतई नहीं करना चाहिए क्योंकि कोरोना संक्रमण से पहले से ही इम्यूनिटी कम होती है। स्टीरॉयड का सेवन करने से शरीर का इम्यूनिटी काफी कम होने से शरीर कमजोर हो जाता है। स्टीरॉयड का सेवन संक्रमण के दूसरे सप्ताह के बाद किया जा सकता है। खांसी आने पर सीतोपलादि चूर्ण और टेबलेट, श्वासकुठार रस का सेवन चिकित्सक की परामर्श के अनुसार करना चाहिए।
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यह भी चर्चा में शामिल
एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी की अध्यक्षता विवि कुलपति प्रो नरेश चंद्र गौतम ने करते हुए कहा कि शरीर में इम्युनिटी आयुर्वेद से ही बनती है।हमें आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को अपनाना चाहिए। इसके अलावा डॉ आ†जनेय पांडेय, डॉ राकेश कुमार श्रीवास्तव समेत मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली आदि प्रान्तों के चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोगों ने विचार रखें।