पाठा में अब बुलेट नहीं, बैलेट से 'गांव की सरकार'

हेमराज कश्यप चित्रकूट जिले के पाठा क्षेत्रकी करीब 150 ग्राम पंचायतों में पहली बार बुलेट न

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 11:07 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 11:07 PM (IST)
पाठा में अब बुलेट नहीं, बैलेट से 'गांव की सरकार'
पाठा में अब बुलेट नहीं, बैलेट से 'गांव की सरकार'

हेमराज कश्यप, चित्रकूट

जिले के पाठा क्षेत्रकी करीब 150 ग्राम पंचायतों में पहली बार बुलेट नहीं, बल्कि बैलेट से 'गांव की सरकार' चुनी जाएगी। वर्ष 2015 तक पंचायत चुनाव में यहां डकैत जिसके नाम का फरमान सुनाते थे, वही चुना जाता था। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में पुलिस और एसटीएफ के शिकंजा कसने यहां उप्र और मप्र के सबसे बड़े इनामी डकैतों में शुमार बबुली कोल की ताकत कमजोर हुई थी। इससे लोगों ने अपने मनपसंद उम्मीदवारों को वोट दिया था। 2019 में बबुली कोल के मुठभेड़ में ढेर होने के बाद नया सवेरा हुआ है। इससे इस बार पंचायत चुनाव में मिनी चंबल घाटी के रूप में कुख्यात रहे पाठा में लोकतंत्र की ताकत नजर आएगी। डकैतों के असर से मप्र के रीवां और सतना जिले भी मुक्त होंगे।

-----

40 साल तक रहा डकैतों का राज

पाठा की सरजमीं पर करीब 40 साल तक डकैतों का राज रहा। पांच लाख रुपये के इनामी डकैत रहे शिवकुमार पटेल उर्फ ददुआ के साथ ही ठोकिया, रागिया, बलखड़िया के फरमान पर ग्राम पंचायत से लेकर लोकसभा और विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला होता था। ददुआ ने तो अपने बेटे को निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष तक बनवा दिया था। वहीं, ठोकिया ने अपनी चाची को ब्लाक प्रमुख की कुर्सी पर बिठाया था।

----

अब डेढ़ लाख का इनामी गौरी भी पुलिस की सक्रियता से दुबका

पाठा में डकैत हमेशा रक्तबीज की तरह रहे। एक मरा तो दूसरा पैदा हो गया। हालांकि, बबुली कोल के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद से सिर्फ डेढ़ लाख रुपये का इनामी गौरी यादव ही बचा है। वह पुलिस की सक्रियता से दुबका है। ठीक पंचायत चुनाव से पहले पुलिस उसके एक साथी को मुठभेड़ में मार गिराने के साथ ही चार साथियों को जेल भेज चुकी है। पुलिस की सक्रियता के कारण ही इस बार वह अपनी मां को चुनाव मैदान में नहीं उतार सका है। वर्ष 2015 के पंचायत चुनाव में डकैत गौरी की मां राजरानी व बागी जीवन छोड़ चुके डकैत खड़ग सिंह की पत्नी माया देवी प्रधान बन गई थी।

----

डकैत राधे का बेटा और खड़ग की पत्नी मैदान में

पाठा में डकैतों का फरमान भले जारी नहीं हो, लेकिन चुनाव में डकैतों के परिवार के लोग दिखेंगे। इस बार के पंचायत चुनाव में जेल में बंद ददुआ के साथी डकैत राधे का बेटा अरिमर्दन सिंह उर्फ सोनू शीतलपुर तरौंहा ग्राम पंचायत से प्रधान पद के लिए मैदान में है, जबकि मुन्नीलाल यादव उर्फ खड़ग सिंह की पत्नी माया देवी एक बार फिर से चुनाव मैदान में है। हालांकि, दोनों आम उम्मीदवार की तरह ही वोट मांगते दिखे।

------

पाठा में अब डकैतों का सफाया हो चुका है। लोग लोकतंत्र के उत्सव में खुल कर हिस्सा ले रहे हैं। पंचायत चुनाव को लेकर भी मतदाताओं में उत्साह है।

- अंकित मित्तल, एसपी, चित्रकूट।

chat bot
आपका साथी