कोरोना काल में ही पिछले साल निर्मल थीं मंदाकिनी, अब प्रदूषण से पटी

जागरण संवाददाता चित्रकूट कोरोना काल का बीता साल मंदाकिनी के लिए वरदान था। करीब तीन मा

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 06:47 PM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 06:47 PM (IST)
कोरोना काल में ही पिछले साल निर्मल थीं मंदाकिनी, अब प्रदूषण से पटी
कोरोना काल में ही पिछले साल निर्मल थीं मंदाकिनी, अब प्रदूषण से पटी

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : कोरोना काल का बीता साल मंदाकिनी के लिए वरदान था। करीब तीन माह से कोरोना क‌र्फ्यू में नदी निर्मल अविरल हो गई थी लेकिन अभी फिर मंदाकिनी प्रदूषण से करार रही है। रामघाट से लेकर जिला मुख्यालय तक गंदगी का अंबार है। एक माह पहले बुंदेलखंड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री राजा बुंदेला ने भी मंदाकिनी प्रदूषण को लेकर चिता जताई थी लेकिन अभी तक प्रशासन ने सफाई को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई है। आज मंदाकिनी की दुर्दशा भविष्य के गंभीर परिणामों की ओर इशारा कर रही हैं।

मंदाकिनी नदी चित्रकूट की जीवन रेखा है धार्मिक महत्व रखने वाली सलिला से जिले के लाखों लोगों की प्यास बुझती है तो प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु इसमें डुबकी लगाकर पुण्य लाभ कमाते है लेकिन लोगों के पाप धोने वाली मंदाकिनी आज अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है। रामघाट, भरतघाट, पन्ना घाट समेत राजाघाट के इंटकवेल में जबरदस्त प्रदूषण है। जिला मुख्यालय में पुल घाट और सुंदरघाट में गंदगी के मारे स्नान तक की जगह नहीं है। सिचाई विभाग के अधिकारी आंखमूंदें हैं। जबकि बीते माह बुंदेलखंड विकास बोर्ड उपाध्यक्ष राजा बुंदेला अधिकारियों पर काफी नाराज हुए थे और मुख्यमंत्री व जल संसाधन मंत्री से शिकायत करने की बात कही थी लेकिन उसका भी असर जिला प्रशासन पर नहीं पड़ा है। सिचाई विभाग के अधिशाषी अभियंता आशुतोष कुमार कहते हैं कि इस साल कोरोना का व्यापक असर है। उनके घर में ही दस लोग बीमार है। किसी तरह एक-एक दिन गुजर रहा है। थोड़ा कोरोना थमे तो मंदाकिनी में ध्यान दिया जाएगा। डीएम से सफाई की मांग

बुंदेली सेना के जिलाध्यक्ष अजीत सिंह ने कहा कि सिचाई विभाग के पास नदी सफाई का बजट आता है। कोरोना क‌र्फ्यू में नदी सफाई से मजदूरों को काम मिलेगा और नदी की विधिवत सफाई हो जाएगी। डीएम से मांग की है कि नदी सफाई का कार्य शुरू कराया जाए।

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