प्रतिबंधित वन क्षेत्र में भी खनन से नहीं चूकते माफिया, विभाग खामोश

हेमराज कश्यप चित्रकूट जिले के कई ऐसे प्राकृतिक वन क्षेत्र हैं जिनकी सीमा भरतकूप के गो

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 06:24 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 06:24 PM (IST)
प्रतिबंधित वन क्षेत्र में भी खनन से नहीं चूकते माफिया, विभाग खामोश
प्रतिबंधित वन क्षेत्र में भी खनन से नहीं चूकते माफिया, विभाग खामोश

हेमराज कश्यप, चित्रकूट : जिले के कई ऐसे प्राकृतिक वन क्षेत्र हैं जिनकी सीमा भरतकूप के गोड़ा, रौली व बजनी पहाड़ से लगती है। ये वह पहाड़ी क्षेत्र हैं जहां खनन किया जाता है। इसी का फायदा उठाकर पट्टाधारक वन क्षेत्र में भी खनन करने से नहीं चूकते हैं। ऐसी ही करीब एक दर्जन से अधिक खदानों का दायरा बढ़कर प्रतिबंधित वन क्षेत्र तक पहुंच चुका है। लेकिन वन अधिकारी इसे रोकने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं। सूत्रों की माने तो खनन का एक बड़ा हिस्सा भी उनके पास भेजा जाता है। गोड़ा और रौली में पांच सौ हेक्टेयर पर वन क्षेत्र

भरतकूप के गोड़ा, रौली कल्याणपुर व बजनी पहाड़ वन विभाग की कर्वी रेंज के दुगवां बीट पर पड़ते हैं। कर्वी रेंज का 12495.45 हेक्टेयर क्षेत्रफल है जिसमें करीब पांच सौ हेक्टेयर दुगवां का है। इसी वन क्षेत्र से लगे खनिज विभाग के 29 ग्रेनाइट पत्थर के पट्टे हैं। जिनमें रात दिन ब्लास्टिग व बड़ी-बड़ी मशीनों से खनन होता है। वन क्षेत्र से सौ मीटर दूर खनन की अनुमति

किसी भी पट्टाधारक को वन विभाग अपनी सीमा से सौ मीटर दूर खनन की अनुमति देता है, लेकिन गोड़ा व रौली पहाड़ के ऊपर इन मानकों की खुलेआम धज्जियां उठ रही है। वन विभाग के ही सूत्र बताते हैं कि करीब एक दर्जन खदानों का दायरा वन क्षेत्र तक पहुंच गया है यदि नाप कराई जाए तो खदान मालिक फंस सकते हैं। वन क्षेत्र की सीमा तार बाड़ या खंखरी (पत्थर की दीवार) नहीं है। सिर्फ प्राकृतिक सीमा है जिसको लांघना आसान हैं। भरतकूप क्षेत्र में पूर्व में हुई वन कर्मियों पर घटना

- वर्ष 2014 : वन विभाग की टीम पहरा में अवैध खनन रुकवाने गई थी। अवैध खनन करने वालों ने कुल्हाड़ी, लाठी डंडा से हमला कर दिया था। वाचर रामस्वरूप यादव की मौत हो गई थी। जबकि वन दरोगा हरीशंकर सिंह समेत छह लोग घायल हुए थे।

- वर्ष 2001 : अकबरपुर में वन क्षेत्र में अवैध कब्जा रोकने पहुंचे तत्कालीन डीएफओ अमर सिंह व एसडीओ पीएन सिंह समेत वन कर्मियों पत्थरबाजी में घायल हुए थे।

- वर्ष 1995 : कर्वी रेंज के तत्कालीन रेंजर एसपी सिंह पर एक क्रशर में हमला हुआ था। जिसमें उनको गंभीर चोटे आई थी। इनका कहना

- प्राकृतिक सीमा को लांघ कर खनन हो रहा है तो जांच कराते हैं। दो दोषी मिलेगा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कैलाश प्रकाश - प्रभागीय वनाधिकारी

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