प्रतिबंध के बाद भी श्रद्धालुओं की आस्था भारी, रोकती रही पुलिस

जागरण संवाददाता चित्रकूट जेष्ठ मास अमावस्या में प्रतिबंध के बाद भी आस्था भारी रही। हजारों

By JagranEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 07:57 PM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 07:57 PM (IST)
प्रतिबंध के बाद भी श्रद्धालुओं की आस्था भारी, रोकती रही पुलिस
प्रतिबंध के बाद भी श्रद्धालुओं की आस्था भारी, रोकती रही पुलिस

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : जेष्ठ मास अमावस्या में प्रतिबंध के बाद भी आस्था भारी रही। हजारों श्रद्धालु ने मंदाकिनी स्नान के साथ कामदगिरि की परिक्रमा लगाई। हालांकि यूपी-एमपी सीमा सील रही और मुख्य सड़क में पुलिस का पहरा रहा लेकिन श्रद्धालु विभिन्न छुपे रास्तों से पहुंचे। जिन्हें परिक्रमा में बैरीकेडिंग कर रोके का प्रयास पुलिस ने किया।

कोरोना संक्रमण के सुपर स्प्रेड को फैलने से रोकने के लिए मध्यप्रदेश के सतना जिला प्रशासन ने धर्मनगरी में बुधवार को अपराह्न दो से शुक्रवार की सुबह छह बजे तक कंप्लीट लॉकडाउन लगाते हुए मठ, मंदिर के पट बंद करा दिए थे और यूपी-एमपी सीमा सील कर दी थी। कामदगिरि परिक्रमा में जगह-जगह बैरीकेडिग कर दी थी। ताकि श्रद्धालु मेला में नहीं जुट सके लेकिन लोगों की आस्था इन पाबंदियों पर हाबी रही। वजह थी कि यूपी में उतनी सख्ती नहीं थी जैसे सतना प्रशासन ने की थी। तमाम लोग वाहनों से एमपी सीमा तक पहुंचे और फिर पैदल कामदगिरि परिक्रमा में पहुंच गए।

रोकती रही पुलिस, रास्ते बदल पहुंच जाते थे परिक्रमा स्थल

कामदगिरि परिक्रमा को एमपी पुलिस ने पीलीकोठी, बिहारी मंदिर चौराहा, कामदगिरि प्राचीन मुखारबिद के पास सील कर दिया था। वहां पर तैनात पुलिस लोगों से घर लौट जाने की अपील कर रही थी लेकिन लोग रास्ते बदल कर फिर परिक्रमा में पहुंच जा रहे थे। सुबह रही अधिक भीड़, शाम तक सन्नाटा

जेष्ठ मास अमावस्या में हर साल पांच से सात लाख श्रद्धालु कामदगिरि की परिक्रमा लगाते थे। इस बार पाबंदी के कारण संख्या लाखों में तो नहीं थी लेकिन हजारों में जरूर पहुंची। तमाम लोगों ने रात में डेरा डाल दिया था। इस कारण सुबह अधिक भीड़ रामघाट व कामदगिरि परिक्रमा पर रही लेकिन जैसे-जैसे दिन चढ़ रहा था भीड़ कम होती गई और शाम को परिक्रमा सूनी हो गई।

chat bot
आपका साथी