होम आइसोलेशन मरीजों की निगरानी में लापरवाही, घूम कर बांट रहे संक्रमण

केस-एक कलेक्ट्रेट में अपर जिलाधिकारी का कक्ष। एडीएम के सामने एक शिक्षिका प्रस्तुत होती ह

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 04:42 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 04:42 PM (IST)
होम आइसोलेशन मरीजों की निगरानी में लापरवाही, घूम कर बांट रहे संक्रमण
होम आइसोलेशन मरीजों की निगरानी में लापरवाही, घूम कर बांट रहे संक्रमण

केस-एक : कलेक्ट्रेट में अपर जिलाधिकारी का कक्ष। एडीएम के सामने एक शिक्षिका प्रस्तुत होती है प्रार्थना पत्र देती है। जिसमें कोरोना का हवाला देकर ड्यूटी कटवाने की बात लिखी थी। एडीएम ने पूछा कि पीड़ित कहा है तो शिक्षिका जवाब देती है कि वह खुद है। यह सुन अफसर को पारा चढ़ जाता है और उसे तुरंत घर जाने को कहते हैं। केस-दो: एक सरकारी चिकित्सक कोरोना संक्रमित हो गए। स्वास्थ्य विभाग से होम आइसोलेशन में रहने की अनुमति ले ली। लेकिन उन्होंने अपनी बीमारी को छिपा कर प्राइवेट प्रैक्टिस जारी रखी। जब मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को लगी तो चिकित्सक को फटकार लगाई गई।

------------------------

-होम आइसोलेशन में रहने मरीजों की नहीं बदल रही गतिविधियां

-बाहर निकलने के साथ घूम टहल रहे होम आइसोलेशन के मरीज

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : होम आइसोलेशन के मरीज अपनी और दूसरों को सेहत को लेकर कितना गंभीर है यह बताने के लिए यह दो केस काफी है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि उनकी टीम घर में रह रहे कोरोना मरीजों को निगरानी कर रही है लेकिन यह केस बताते हैं कि कोई उनकी देखरेख नहीं कर रहा है। जिले में बीते 12 दिनों में करीब आठ सौ संक्रमित सामने आएं है। जिसमें करीब साढ़े छह सौ मरीज होम आइसोलेशन में है।

---

अब मोहल्ला वाले भी नहीं कर पाते निगरानी

पहली लहर में जिस घर में संक्रमित मरीज निकला था उसको घर को प्रशासन बैरिकेडिग कर देता था। जिससे मोहल्ला वालों को भी पता चल जाता था कि इस घर मे कोई कोरोना मरीज है। तो उसकी निगरानी मोहल्ला वाले कर लेते थे लेकिन दूसरी लहर में अब ऐसा नहीं है। किस मोहल्ला में कौन संक्रमित है कोई जान ही नहीं पाता है और संक्रमित जहां मन आता है घूमता रहता है। इनमें आम लोगों के साथ पढ़ा-लिखा बुद्धजीवी वर्ग भी शामिल है।

------

निगरानी के लिए हैं 24 टीमें

सीएमओ डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि होम आइसोलेशन मरीजों के लिए 24 रैपिड रिस्पांस टीमें हैं। रोज फोन से संक्रमितों के सेहत की जानकारी ली जाती है। अगर कोई मरीज की तबीयत खराब होती है तो उसका इलाज किया जाता है। डीएम कंट्रोल रूम से भी हर दिन संक्रमितों के घर फोन करके जानकारी ली जा रही है। अगर कोई होम आइसोलेशन में रहने के बाद भी बाहर घूम टहल रहा है तो वह खुद के साथ औरों के जिदगी के साथ खिलवाड़ कर रहा है।

chat bot
आपका साथी