महिलाओं को मिला रोजगार, संवरेगा घर-परिवार

चंदौली सरकार गरीब महिलाओं पर मेहरबान है। उन्हें रोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। महिलाएं बिजली बिल वसूलने के साथ ही पुष्टाहार बना रही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 03:42 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 03:42 PM (IST)
महिलाओं को मिला रोजगार, संवरेगा घर-परिवार
महिलाओं को मिला रोजगार, संवरेगा घर-परिवार

जागरण संवाददाता, चंदौली : सरकार गरीब महिलाओं पर मेहरबान है। उन्हें रोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। महिलाएं बिजली बिल वसूलने के साथ ही पुष्टाहार बना रही हैं। इससे अन्य विभागों के काम को आसान बना रही हैं। वहीं उन्हें अच्छी आय भी हो रही है। विद्युत सखी बनाने का सरकार का फैसला सही साबित हो रहा। उन्होंने अब तक लगभग पांच लाख से अधिक बिजली बिल की वसूली की है। वहीं 50 हजार से अधिक कमीशन बनाया। चार ब्लाकों में पुष्टाहार कारखानों में दलिया समेत अन्य पोषक आहार तैयार कर पोषण मिशन को परवान चढ़ाएंगी। इस काम में 12 हजार महिलाओं को एक साथ रोजगार मिल रहा है।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गांवों की गरीब महिलाओं को जोड़कर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने पर सरकार का जोर है। समूह से जुड़ी पढ़ी-लिखी महिलाओं को तमाम तरह के दूसरे कामों में लगाया जा रहा, जिससे वे अच्छी आय कर सकें। इसके तहत महिलाओं को बिजली सखी का काम सौंपा गया है। महिलाओं को प्रशिक्षण देकर बिजली बिल वसूलने का तरीका बताया गया है। महिलाएं ग्रामीण व नगरीय इलाकों में घर-घर जाकर बकाया बिजली बिल वसूलने का काम करती हैं। इससे विभाग का काम कुछ हद तक आसान हो गया है। महिलाएं लगभग पांच लाख बिजली बिल वसूल कर जमा करा चुकी हैं। इसके बदले उन्हें अच्छा-खासा कमीशन भी मिल रहा है। पुष्टाहार कारखाना का संचालन कर राज्य पोषण मिशन अभियान को गति देने में जुटी हैं।

बना रहीं गोबर के दीए

समूह से जुड़ी कारोबार में रुचि रखने वाली महिलाएं त्योहारों को भी आय का जरिया बनाने में नहीं चूकती हैं। दीपावली पर गोबर और मिट्टी के दीए और लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा बना रही हैं। जनपद समेत वाराणसी के बाजार में इसकी डिमांड है। पर्यावरण प्रदूषण से बचने के लिए लोगों में गोबर के दीए के इस्तेमाल का चलन बढ़ रहा है।

चार हजार समूहों से जुड़ी 80 हजार महिलाएं

जिले में चार हजार स्वयं सहायता समूह हैं। इससे लगभग 80 हजार महिलाएं जुड़ी हैं। महिलाओं को रोजगार के लिए ऋण मुहैया कराया जाता है। कई महिलाएं किराना दुकान, ब्यूटी पार्लर, यूनिफार्म सिलाई समेत अन्य कार्य कर आमदनी कर रही हैं। इससे उन्हें अच्छी आय हो रही है। ' समूह की महिलाओं को रोजगार के विभिन्न साधनों से जोड़ा जा रहा है। इससे उन्हें अच्छी आय हो रही है। वहीं घर-परिवार चलाने में सहूलियत हो रही है। आजीविका मिशन को गति देने की दिशा में सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं।

धर्मजीत सिंह, उपायुक्त, स्वत: रोजगार

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