पानी की टंकी जर्जर, कैसे बुझे प्यास
स्थानीय गांव स्थित पेय जल के लिए तीन दशक पूर्व बनी पानी टंकी जीर्ण शीर्ण हालत में शो पीस बनी हुईं है । हाल ये हैं कि दर्जनों गांवों को पानी पिलाने वाली पानी टंकी खुद ही वर्षों से प्यासी है तो दूसरों की प्यास कैसे बुझाए।
जासं, बरहनी (चंदौली) : स्थानीय गांव स्थित पेय जल के लिए तीन दशक पूर्व बनी पानी टंकी जीर्ण शीर्ण हालत में शोपीस बन गई है। दर्जनों गांवों को पानी पिलाने वाली पानी की टंकी खुद वर्षों से प्यासी है। ग्रामीणों के शिकायत के बाद भी समस्या पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।
सन 1982 , 83 में बरहनी ,महुजी, रामपुर , लक्ष्मणपुर ,भदखरी, खुरहट ,परशुरामपुर ,अवरैया पट्टी गुलाब, लाल ,घोसवां, मुडडा, धनाइतपुर, पोखरा, दैंथा, चिरईगांव, चारी , परसीयां आदि गांवों को पेयजल मुहैया करने के लिए पेयजल नलकूप का निर्माण हुआ। गांवों में पाइप लाइन दैड़ाई गयी और बड़ी टंकी का निर्माण कराया गया। कुछ वर्षों तक गांव को आपूर्ति भी मिली। लेकिन टंकी में दरारें आने के बाद पानी बहने से पानी मिलना बंद हो गया। रविद्र त्रिपाठी, शिवजनम यादव, शिवाकांत त्रिपाठी, रविशंकर सिंह, आशोक सिंह, जितेन्द्र सिंह, गुड्डू सिंह, शक्ति सिंह आदि ने जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया है।
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