गांवों में बंदरों के उत्पात से ग्रामीण सहमे, विभाग मौन

ग्रामीण इलाकों में इन दिनों बंदरों का उत्पात सिर चढ़कर

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Apr 2021 04:26 PM (IST) Updated:Sat, 24 Apr 2021 04:26 PM (IST)
गांवों में बंदरों के उत्पात से ग्रामीण सहमे, विभाग मौन
गांवों में बंदरों के उत्पात से ग्रामीण सहमे, विभाग मौन

जागरण संवाददाता, वनगावां (चंदौली) : ग्रामीण इलाकों में इन दिनों बंदरों का उत्पात सिर चढ़कर बोल रहा है। उत्पाती बंदर घरों में घुसकर खाद्य सामग्री बिखेर दे रहे। वहीं बाग बगीचों में लगे फलों को चट करते देर नहीं लग रही है। इसके चलते लोगों को आर्थिक क्षति पहुंच रही है। यही नहीं कुछ ढीठ बंदर बच्चों, महिलाओं पर हमला कर उन्हें घायल कर दे रहे हैं। इसके चलते लोगों को चिकित्सकों की शरण लेनी पड़ रही है। ग्रामीणों का आरोप कि शिकायत के बाद भी वन विभाग ने उत्पाती बंदरों को पकड़ने के लिए कदम नहीं उठाया।

छह वर्ष पूर्व वाराणसी के संकट मोचन व दुर्गाजी मंदिर के बंदरों को स्थानीय जंगल में छोड़ा गया था। धीरे-धीरे इनका कुनबा बढ़ता चला गया। नतीजा भूख मिटाने की आस में बंदरों का समूह लगातार आबादी की ओर बढ़ता चला आया। मौजूदा समय में चकिया, शहाबगंज व नौगढ़ ब्लाक के विभिन्न गांवों में इनके उत्पात ने लोगों को भय ग्रस्त कर दिया है। शिवपुर, नेवाजगंज, तिलौरी, गरला, छित्तमपुर, मुबारकपुर, ताला-तेंदुई, शहाबगंज, अतायस्तगंज, भभौरा, नईबस्ती, दुबेपुर, बाघी, केसार, बरवाडीह, देवखत, जयमोहनी, मगरहीं आदि गांवों में बंदर आए दिन कोई न कोई घटना कारित कर रहे हैं। बगीचे में फल को बंदर लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि घर में घुसकर सामान को बंदर नष्ट कर दे रहे हैं। फल, सब्जी के दुकानों पर इनके हमले इस तरह हो रहे हैं कि लोग डर जा रहे हैं। ग्रामीणों ने बंदरों से निजात दिलाए जाने की जिला प्रशासन से गुहार लगाई है। वन क्षेत्राधिकारी ताराशंकर सिंह ने कहा बंदरों को पकड़ने के लिए विभाग ने योजना बनाई है। जल्द ही गांवों में सेक्रेटरी की देखरेख में एक-एक लोहे का पिजरा दिया जाएगा।

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