स्वच्छता के संवाहक बनेंगे ग्राम प्रधान
नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान कोरोना काल में स्वच्छता के संवाहक बनेंगे। चाज
जागरण संवाददाता, चंदौली : नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान कोरोना काल में स्वच्छता के संवाहक बनेंगे। चार्ज मिलने के बाद उन्हें सालिड लिक्विड वेस्टेज मैनेजमेंट पर काम करना होगा। सरकार का स्वच्छता पर पूरा फोकस है। प्रधान के जिम्मे गांव की साफ सफाई और इसके प्रति लोगों को जागरूक करने का भी काम रहेगा। ताकि किसी तरह संक्रमण गांवों में न फैल सके। इसकी ब्लाक और जिले से हर रोज मानिटरिग होगी। ऐसे में अक्सर गांवों से गायब रहने वाले सफाई कर्मचारियों पर भी शिकंजा कसेगा। शासन ने स्वच्छता के लिए ग्राम पंचायतों के खाते में धनराशि भेज दी है। डिजिटल सिग्नेचर बनने के बाद प्रधान काम शुरू कर देंगे।
दिसंबर में ग्राम प्रधानों का कार्यकाल समाप्त होने की वजह से गांवों में विकास कार्य थम गए। वहीं स्वच्छता अभियान भी परवान नहीं चढ़ पा रहा। कोरोना काल में सरकार का पूरा फोकस स्वच्छता पर है। ऐसे में नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों को पहले प्रशिक्षण में सफाई के बारे में ही जानकारी दी गई। उन्हें सालिड लिक्विड वेस्टेज मैनेजमेंट का तरीका बताया गया। दरअसल गांवों में गीले कचरे के निस्तारण के लिए कोई प्रबंध नहीं होता है। घरों व अन्य स्थानों से निकलने वाले गीले कचरे को लोग सड़क किनारे अथवा अन्य स्थानों पर फेंक देते हैं। इससे दुर्गंध निकलती है। वहीं बीमारियों के फैलने का खतरा भी बना रहता है। ऐसे में ग्राम प्रधानों को गांव में सफाई पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया है। उन्हें गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग इकट्ठा कराकर गांवों में बने वर्मी कंपोस्ट यूनिट में डलवाना होगा। इससे जैविक खाद बनेगी। प्रधान सफाईकर्मियों की गतिविधियों पर भी नजर रखेंगे। उन्हें नियमित गांवों में सफाई करनी होगी। लापरवाही सफाईकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
'शासन का पूरा फोकस सफाई पर है। ग्राम प्रधानों को पहले प्रशिक्षण में सालिड लिक्विड वेस्टेज मैनेजमेंट का तरीका बताया गया है। पहले चरण में प्रधानों को इसी पर काम करता होगा। ताकि गांवों में स्वच्छता बनी रहे।
ब्रह्मचारी दुबे, डीपीआरओ