सिचाई विभाग के बंगले से काटे जा रहे वृक्ष
अमड़ा में मुख्य नहर के किनारे दशकों पूर्व बने सिचाई विभाग के बंगले में लगे कीमती हरे वृक्षों को चोर काट ले जा रहे। कई पेड़ यहां से रात के अंधेरे में गायब हो चुके हैं। यदि समय रहते संरक्षण नहीं हुआ तो यहां से हरियाली समाप्त हो जाएगी।
जासं, कंदवा (चंदौली) : अमड़ा में मुख्य नहर के किनारे दशकों पूर्व बने सिचाई विभाग के बंगले में लगे कीमती हरे वृक्षों को चोर काट ले जा रहे हैं। कई पेड़ यहां से रात के अंधेरे में गायब हो चुके हैं। यदि समय रहते संरक्षण नहीं हुआ तो हरियाली समाप्त हो जाएगी। अमड़ा में नरायनपुर से निकली मुख्य नहर के किनारे सिचाई विभाग का बंगला बना। आसपास के मैदानी भाग में शीशम, जामुन, यूकेलिप्टस सहित अन्य छायादार व फलदार वृक्ष लगाए गए हैं। समय काल के साथ सिचाई विभाग के कर्मचारियों का यहां रहन-सहन ही नहीं आना जाना भी कम हो गया। वर्तमान समय में खंडहरनुमा होते जा रहे बंगले में जहरीले जंतुओं का बसेरा हो गया है। वहीं नशेड़ी युवक भी एकांत की तलाश कर यहां नशे की तलब मिटाने आते हैं। वहीं विशालकाय कीमती वृक्षों को भी एक-एक कर अज्ञात लोगों द्वारा काटा जा रहा है। इससे पर्यावरण संक्षरण के साथ सरकारी संपत्ति का भी नुकसान हो रहा है। गांव के पवन सिंह, कैलाश चौरसिया, चंद्रदेव, रामराज, नथुनी, राजू आदि ने जिला प्रशासन से वृक्षों के संरक्षण की मांग की है।