गांवों में जमीन ही नहीं, कहां बनवाएं आंगनबाड़ी केंद्र

जागरण संवाददाता चंदौली जिले के कई गांवों में आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण में जमीन बाधा ।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 04:51 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 09:58 PM (IST)
गांवों में जमीन ही नहीं, कहां बनवाएं आंगनबाड़ी केंद्र
गांवों में जमीन ही नहीं, कहां बनवाएं आंगनबाड़ी केंद्र

जागरण संवाददाता, चंदौली : जिले के कई गांवों में आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण में जमीन बाधा बनी है। बाल विकास परियोजना विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों ने स्कूल अथवा तालाब की जमीन का चयन कर आंगनबाड़ी केंद्र बनाने के लिए शासन को रिपोर्ट भेज दी थी। जब निर्माण कार्य शुरू कराने की नौबत आई, तो सच्चाई का पता चला। कलेक्ट्रेट सभागार में सोमवार को आयोजित बैठक में सीडीओ ने लापरवाही पर सीडीपीओ की जमकर क्लास लगाई। साथ ही जहां भी जमीन का विवाद है, वहां एसडीएम को पत्र भेजकर लेखपाल से सत्यापन कराने का निर्देश दिया ताकि मामला आगे बढ़ सके। चेताया कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उदासीनता बरतने वाले अफसर-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई तय है।

चहनियां ब्लाक में आठ आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण अधूरा है। शहाबगंज में भी आधा दर्जन आंगनबाड़ी केंद्र अभी तक नहीं बन पाए। इसी प्रकार बरहनी में 12, नियामताबाद एक और धानापुर में 13 आंगनबाड़ी केंद्र अधूरे हैं। करीब एक दर्जन आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण अभी तक नहीं शुरू हो सका है। दरअसल, बाल विकास परियोजना विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों ने ग्राम पंचायत के जरिए स्कूल, तालाब आदि की जमीन का चयन आंगनबाड़ी केंद्र बनवाने के लिए कर लिया था। धानापुर के सरैया गांव में स्कूल की जमीन को चिह्नित किया गया था। विभाग ने शासन को रिपोर्ट भेज दी। शासन स्तर से निर्माण के लिए कार्यदाई संस्था नियुक्त करते हुए बजट भी जारी कर दिया गया। लेकिन जमीन न होने की वजह से निर्माण कार्य अभी तक शुरू नहीं हो सका। इस पर सीडीओ ने गहरी नाराजगी जताई। बोले, पोषण अभियान शासन की प्राथमिकता में शामिल है। इसमें लापरवाही कदापि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। डीपीओ व सीडीपीओ ईमानदारी के साथ काम करें। सरकार इस पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। ऐसे में सामूहिक प्रयास कर कुपोषण को दूर भगाया जाना चाहिए। उन्होंने कार्यदाई संस्था के एक्सईएन को जल्द कार्य पूर्ण कराने के निर्देश दिए। डीपीओ नीलम मेहता, उपायुक्त स्वत: रोजगार एमपी चौबे, डीपीआरओ ब्रह्माचारी दुबे समेत अन्य विभागीय अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।

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