बच्चों के मन में भी सुसाइड करने का आता है ख्याल

सुझाव -विद्यार्थियों को तनाव मुक्त रहने के सुझाए गए उपाय -आत्महत्या रोकथाम दिवस पर विद्यालय मे

By JagranEdited By: Publish:Fri, 10 Sep 2021 05:32 PM (IST) Updated:Fri, 10 Sep 2021 05:32 PM (IST)
बच्चों के मन में भी सुसाइड करने का आता है ख्याल
बच्चों के मन में भी सुसाइड करने का आता है ख्याल

सुझाव

-विद्यार्थियों को तनाव मुक्त रहने के सुझाए गए उपाय

-आत्महत्या रोकथाम दिवस पर विद्यालय में संगोष्ठी

जागरण संवाददाता, सैयदराजा (चंदौली) : विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर शुक्रवार को नेशनल इंटर कालेज में जिला मानसिक स्वास्थ्य प्रकोष्ठ की ओर से संगोष्ठी का आयोजन किया गया। पंडित कमलापति त्रिपाठी जिला चिकित्सालय से आए डाक्टरों की टीम ने विद्यालय के विद्यार्थियों को तनाव मुक्त रहने के उपाय सुझाए। उप मुख्य चिकित्साधिकारी डाक्टर एसके विश्वास ने कहा कि वयस्क ही नहीं बल्कि मुश्किल परिस्थितियों में बच्चों के मन में भी सुसाइड करने का ख्याल आता है। बच्चों का मन बहुत चंचल और कमजोर होता है इसलिए वो आसानी से भटक जाते हैं। यदि बच्चों के मन में आत्महत्या जैसे विचार आएं तो तत्काल अपने माता पिता से मन:स्थिति के बारे में जानकारी दें। सुसाइड की प्रवृत्ति को रोकने के लिए माता पिता को ही सबसे पहले पहल करनी चाहिए। अगर आपको लगता है कि आपका बच्चा ऐसा कुछ कर सकता है या आपको इसके संकेत मिल रहे हैं तो अभिभावक को मनोचिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। प्रधानाचार्य अनिल सिंह ने बताया कि विद्यालय में बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर ध्यान दिया जाता है। साथ ही अध्यापक भी विद्यार्थियों के मन:स्थिति को समझते हुए पठन-पाठन का कार्य संपन्न कराते हैं। मनोचिकित्सक डाक्टर नितेश सिंह, अजय कुमार, अवधेश कुमार , सत्येंद्र गुप्ता आदि मौजूद थे।

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