शिक्षकों का गोपनीय मूल्यांकन नियम वापस हो
जागरण संवाददाता चंदौली राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ जिला इकाई ने गुरुवार को जिला मुख्यालय पर
जागरण संवाददाता, चंदौली : राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ जिला इकाई ने गुरुवार को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री को संबोधित पत्रक जिलाधिकारी को सौंपा। कहा शिक्षकों का गोपनीय मूल्यांकन करने के नियम को वापस लिया जाए। उन्हें राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। 10 लाख का स्वास्थ्य बीमा एवं दुर्घटना के कारण असामयिक निधन पर 20 लाख का सामूहिक बीमा कवर किया जाए।
वक्ताओं ने कहा बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों से संबंधित मौलिक समस्याओं को समय-समय पर विभागीय अधिकारियों के सम्मुख रखा गया है। पर उनकी समस्याओं और मांगों पर विचार- विमर्श के बाद भी उसका निदान नहीं हो सका है। जिलाध्यक्ष अजय सिंह ने कहा महानिदेशक स्कूल शिक्षा लखनऊ के द्वारा 8 जनवरी 2021 को जारी पत्र में परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों और अध्यापकों की वार्षिक गोपनीय आख्या के पैरामीटर्स निर्धारित किए हैं। शिक्षकों से सीधा संबंध नहीं होने के बाद भी अंक निर्धारण करना शिक्षकों का शोषण होने के अलावा कुछ नहीं है। इस काले कानून को वापस लिया जाए। जिला सह संयोजक इम्तियाज खान, ईश्वर चंद्र त्रिपाठी, फैयाज अहमद, धीरेंद्र सिंह, विकास चंद सिंह, अवधेश सिंह, अरविद सहित अन्य लोग मौजूद थे। आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को मिलेगी बेहतर शिक्षा
जागरण संवाददाता, चंदौली : सदर बीआरसी सभागार में गुरुवार को प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इसमें बीएलटी (ब्लाक लेबल ट्रेनर्स) को प्रशिक्षण दिया गया। बीएलटी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देकर दक्ष बनाएंगे। बीएसए भोलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा, आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ने के लिए चार से पांच साल तक के बच्चे आते हैं। ऐसे में उन्हें सही ढंग से पढ़ाना जरूरी है। यहीं से शिक्षा की नीव मजबूत होती है। पूर्व प्राथमिक स्तर पर लापरवाही हुई तो बच्चों का भविष्य चौपट हो जाएगा। ऐसे में आंगनबाड़ी केंद्रों की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। जनपद में 40 बीएलटी को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।