डिवाइडर पर अब तक नहीं लगे रिफ्लेक्टर
सड़कों पर सुरक्षा के लिए बने डिवाइडर हादसे को दावत दे
जागरण संवाददाता, पड़ाव (चंदौली) : सड़कों पर सुरक्षा के लिए बने डिवाइडर हादसे को दावत दे रहे हैं। डिवाइडर के सांकेतिक निशान और बिना रिफ्लेक्टर के डिवाइडर से रोजाना वाहनों की टक्कर होती है। लाखों रुपये खर्च कर सुरक्षा के लिहाज से बनाया गया डिवाइड़र जानलेवा बन गया है। आए दिन बस, ट्रक, ट्रैक्टर, कार और बाइक की टक्कर डिवाइडर से होने पर दुर्घटना बढ़ती जा रही है। दुर्घटना के बाद भी सुरक्षा को लेकर प्रशासन सुधि नहीं ले रहा है। मुगलसराय से पड़ाव चौराहे तक बनाए गए डिवाइडर पर रिफ्लेक्टर का न लगना राहगीरों व वाहन चालकों के लिए मुसीबत बना हुआ है।
पिछले वर्ष प्रारंभ हुए मार्ग चौड़ीकरण के साथ ही डांडी ताल से मार्ग के मध्य डिवाइडर बनाने का कार्य शुरू किया गया। इसके बाद डिवाइडर को चौराहे तक बना दिया गया लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते डिवाइडर मानक के अनुरूप नहीं बनाया गया। डिवाइडर पर जगह-जगह लगाई जाने वाली यातायात संबंधित सूचनाएं प्रदर्शित करने वाले संकेतक नहीं लगाए गए हैं। प्रशासन की उदासीनता के कारण डिवाइडर होने के सांकेतिक निशान और ना ही कोई बड़ा रिफ्लेक्टर लगा है ताकि वाहन चालकों को आगे का संकेत मिल सके। ऐसे में दुर्घटना होना लाजिमी है। डिवाइडर को काले और पीले रंग से पेंट किया गया है, जो उजाले में तो दिखाई दे देता है लेकिन, रात को काल बन जाता है। छोटा सा रिफ्लेक्टर भी बीच-बीच में लगाया जाता है, जो सड़क दुर्घटना में टूट जाता है। डिवाइडर के शुरू में रिफ्लेक्टर लगाने से दुर्घटनाओं पर रोक लग सकती है। लोगों ने उच्चाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया है।